देहरादून
देहरादून के नशा मुक्ति केंद्र में सनसनीखेज हत्याकांड: मेरठ निवासी की चम्मच से वार कर हत्या, दो युवक गिरफ्तार
देहरादून। उत्तराखंड की राजधानी में स्थित एक नशा मुक्ति केंद्र में गुरुवार को एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जहां इलाज के लिए भर्ती मेरठ निवासी 52 वर्षीय अजय कुमार की बेरहमी से हत्या कर दी गई। हत्या का यह खौफनाक मामला प्रेमनगर थाना क्षेत्र के मांडूवाला स्थित कर्मा वेलफेयर सोसायटी नशा मुक्ति केंद्र का है। यहां भर्ती पंजाब के दो नशेड़ी युवकों ने अजय पर चम्मच से ताबड़तोड़ वार कर उसकी जान ले ली।
एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि इस हत्याकांड को अंजाम देने वाले आरोपी हरमनदीप सिंह (25) और गुरदीप सिंह (27) दोनों बठिंडा, पंजाब के निवासी हैं। पुलिस जांच में सामने आया कि दो दिन पूर्व अजय कुमार का इन दोनों आरोपियों से किसी बात को लेकर विवाद हो गया था। इसी रंजिश के चलते दोनों ने सोए हुए अजय पर हमला कर दिया।
गुरुवार को जब अजय अपने कमरे में आराम कर रहे थे, तभी हरमनदीप और गुरदीप वहां पहुंचे। एक ने अजय का गला दबाया जबकि दूसरे ने चम्मच से गले, सीने और पेट पर ताबड़तोड़ वार किए। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, आरोपियों ने अजय पर 30 से ज्यादा वार किए, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
प्रेमनगर थानाध्यक्ष मोहन सिंह ने बताया कि आरोपी युवक घातक नशे ब्राउन शुगर के आदी हैं। हरमनदीप को 13 अप्रैल 2025 को इस केंद्र में भर्ती किया गया था, इससे पहले भी वह दो बार—एक बार 10 महीने और दूसरी बार 4 महीने तक यहां भर्ती रह चुका है। वहीं गुरदीप को 31 मार्च को भर्ती किया गया था और वह पहले 2021 में भी तीन महीने तक इस केंद्र में रह चुका है।
अजय कुमार को उनके परिजनों ने शराब की लत छुड़वाने और उनकी सेहत सुधारने के मकसद से 8 अप्रैल को केंद्र में भर्ती कराया था। परिजन चाहते थे कि अजय की जिंदगी बेहतर हो सके, लेकिन उन्हें क्या पता था कि यह निर्णय जानलेवा साबित होगा।
हत्या की खबर से अजय के परिवार में कोहराम मच गया। उनका कहना है कि उन्होंने अजय को नई जिंदगी देने के लिए केंद्र में भर्ती कराया था, लेकिन 16 दिन बाद उन्हें उसकी मौत की सूचना मिली।
पुलिस ने हत्या की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। प्रारंभिक पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि अजय ने उन्हें गालियां दी थीं, जिससे गुस्से में आकर उन्होंने यह हत्या की। पुलिस अब मामले की गहराई से जांच कर रही है और केंद्र की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं।
