हल्द्वानी
टांडा जंगल हत्याकांड का खुलासा: 10 लाख की देनदारी चुकाने से बचने के लिए जीजा की बेरहमी से हत्या, तीन आरोपी गिरफ्तार
हल्द्वानी। टांडा जंगल में हुए जघन्य हत्याकांड का पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया है। मृतक भूगेंद्र चौहान की हत्या उसके मुंह बोले साले बालम सिंह बिष्ट ने की, जिसे उसने आर्थिक संकट में दस लाख रुपये उधार दिए थे। पैसे लौटाने का दबाव बढ़ने पर आरोपी ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर इस खौफनाक वारदात को अंजाम दिया। पुलिस ने मुख्य आरोपी सहित तीनों हत्यारों को टांडा जंगल, गूलरभोज रोड स्थित नादिया धाम मंदिर के पास से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। साथ ही हत्या में प्रयुक्त डंडा भी बरामद कर लिया गया है।
पुलिस बहुउद्देशीय भवन में मंगलवार को एसपी सिटी प्रकाश चंद्र ने प्रेस वार्ता कर बताया कि 11 जून की दोपहर गढ़गंगा, गढ़मुक्तेश्वर (हापुड़) निवासी भूगेंद्र चौहान का शव टांडा जंगल में एक किलोमीटर अंदर मिला था। वह गंगापुर रोड, रुद्रपुर स्थित ग्रींस कॉलोनी में परिवार के साथ रहते थे और प्रॉपर्टी डीलिंग तथा मैजिक वाहन चलाने का काम करते थे।
मुख्य आरोपी बालम सिंह बिष्ट, जो कि बिठौरिया हरिपुर सील, थाना मुखानी का निवासी है, मृतक के गांव का ही था और रिश्ते में उसे जीजा मानता था। इसी विश्वास का लाभ उठाकर बालम ने तीन वर्षों में भूगेंद्र से कुल 10 लाख रुपये उधार लिए थे। कर्ज लौटाने के नाम पर 10 जून को बालम ने भूगेंद्र को फोन कर बुलाया और अपने साथी हरीश सिंह नेगी (सालम कॉलोनी, पनियाली) व उमेश सिंह बोरा उर्फ अनिया (बजूनिया हल्दू, कठघरिया) के साथ गूलरभोज डैम ले गया। इसके बाद बिठौरिया चलने का बहाना बनाकर चारों टांडा जंगल के रास्ते निकले।
जंगल के भीतर पहुंचते ही बालम ने पहले से तय योजना के अनुसार डंडे से भूगेंद्र के सिर पर वार कर उसे मौत के घाट उतार दिया। हत्यारों ने शव से सभी कपड़े उतारकर अलग फेंक दिए और डंडे को भी कुछ दूरी पर फेंककर फरार हो गए। शव की शिनाख्त अगली सुबह मृतक के बेटे ने की।
जांच में खुलासा हुआ कि बालम ने वारदात में साथ देने के लिए हरीश और उमेश को 50-50 हजार रुपये देने का सौदा किया था। तीनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है और मामले की विवेचना जारी है।
