हल्द्वानी
विश्व पर्यावरण दिवस पर पौधरोपण नहीं, पौध संरक्षण पर जोर – सारथी फाउंडेशन समिति का संकल्प
हल्द्वानी। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर सारथी फाउंडेशन समिति द्वारा पौधरोपण नहीं बल्कि पौध संरक्षण पर जोर देते हुए एक विशेष अभियान चलाया गया। समिति के अध्यक्ष नवीन पन्त ने बताया कि हर साल पर्यावरण विभागों, स्वयंसेवी संगठनों और सामाजिक संस्थाओं द्वारा हजारों पौधे लगाए जाते हैं, लेकिन सवाल यह है कि क्या उन पौधों की उचित देखभाल हो रही है? क्या सही जगह पर सही पौधों का चुनाव किया जा रहा है? यह विचारणीय प्रश्न है।

उन्होंने कहा कि पौधों को बचाना, पौधे लगाने से अधिक महत्त्वपूर्ण कार्य है। यदि पहले से लगे पौधों को बचाने में हम सफल होते हैं, तो यह पेड़ लगाने से भी बड़ा योगदान होगा। इसी संदेश को लेकर समिति के पदाधिकारियों ने समाज में जागरूकता फैलाने के लिए अभियान चलाया और सभी से अपील की कि पेड़ों की देखभाल के लिए आगे आएं।

समिति के सचिव ज्ञानेंद्र जोशी ने प्लास्टिक थैलों के उपयोग को पूरी तरह से बंद करने की अपील की। उन्होंने बताया कि शहर में जलभराव की समस्या का एक बड़ा कारण पॉलीथिन बैग भी है। संस्था ने सभी वर्गों से कपड़े के थैले का उपयोग करने का आग्रह किया और दुकानदारों से भी प्लास्टिक थैले न देने की अपील की, ताकि पर्यावरण संरक्षण में अपना योगदान दिया जा सके।
कार्यक्रम के दौरान हल्द्वानी के बिठोरिया नंबर 1 क्षेत्र में आम के पौधे का रोपण कर समिति के कोषाध्यक्ष कमल जोशी को उसकी देखभाल की जिम्मेदारी सौंपी गई। इस मौके पर संस्था के अध्यक्ष नवीन पन्त, सचिव ज्ञानेंद्र जोशी, कोषाध्यक्ष कमल जोशी, समन्वयक दीक्षा पन्त पाण्डे, संरक्षक योगेश चन्द्र पाण्डे, गिरीश चन्द्र लोहनी, जाकिर हुसैन, भवानी शंकर सूठा, केतन जैसवाल, जयप्रकाश, हरीश जोशी, अजय प्रकाश जोशी, गीता बेलवाल, भावना जोशी, हेमा जोशी, मीना शाही, रंजना जोशी, पूजा पन्त, वर्षा टंडन, बबिता टकवाल, भावना पाण्डे, सोना तिवारी, रमा जोशी, डॉ. दीप्ति जोशी, शीला भट्ट, बीना जोशी, दया पन्त, डॉ. उमा जोशी, आभा रौतेला, भगवती धपोला, रुपाली सक्सेना, मुन्नी पन्त, कौशल्या जोशी, आशीष पडियार, संतोष गौड़, भगवती बिष्ट, उमेश सैनी सहित अन्य सदस्यों ने जनता के बीच जाकर पर्यावरण संदेश का कार्य किया। संस्था का यह प्रयास पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणादायक होगा।
