देहरादून
‘माल्टा पार्टी’ से हरीश रावत ने साधा सरकार पर निशाना, पहाड़ के उत्पादों के MSP पर बड़ा वार
पूर्व CM हरीश रावत ने माल्टा पार्टी के जरिए सरकार द्वारा घोषित नींबू और माल्टे के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को अपर्याप्त बताया। उन्होंने नींबू का MSP ₹20 और माल्टे का ₹25 करने की मांग की। जानें पूरा मामला।
देहरादून। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने हरिद्वार बाईपास रोड स्थित एक होटल में ‘माल्टा पार्टी’ (Harish Rawat Malta Party) का आयोजन कर उत्तराखंड सरकार पर गंभीर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि नींबू पहाड़ का ‘पीला सोना’ है, लेकिन सरकार ने इसके न्यूनतम दाम मात्र सात रुपये और माल्टे के दस रुपये प्रति किलो घोषित किए हैं, जो किसानों के लिए अपमानजनक है। हरीश रावत ने मांग की कि सरकार को नींबू का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) तत्काल बढ़ाकर 20 रुपये और माल्टे का 25 रुपये प्रति किलो घोषित करना चाहिए। उनका तर्क है कि इससे मध्य हिमालयी क्षेत्र में पर्यावरण की रक्षा होगी और स्थानीय लोगों की आर्थिकी मजबूत बनेगी।
कांग्रेस ने दिया सही मूल्य दिलाने का आश्वासन
पूर्व मुख्यमंत्री ने बताया कि माल्टा पार्टी का आयोजन इसलिए किया गया ताकि लोग गैरसैंण, मैहलचोरी व अन्य स्थानों के स्वादिष्ट माल्टे का स्वाद न भूलें। इस अवसर पर, प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी माल्टा (Malta MSP) व उत्तराखंड के अन्य स्थानीय उत्पादों का सही मूल्य जनता को दिलाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। वहीं, कांग्रेस चुनाव प्रबंधन समिति के अध्यक्ष डॉ. हरक सिंह रावत ने याद दिलाया कि जब हरीश रावत मुख्यमंत्री थे और वह उद्यान मंत्री थे, तब उनकी सरकार ने माल्टे पर प्रति किलो 15 रुपये की सब्सिडी दी थी, जो दर्शाता है कि कांग्रेस किसानों के हितों के प्रति गंभीर रही है।
माल्टा और पहाड़ के व्यंजनों का लिया स्वाद
इस कार्यक्रम में गैरसैंण और लोहाघाट सहित कई स्थानों से लाए गए माल्टे का लोगों ने स्वाद लिया। इसके अलावा, पारंपरिक गडेरी के गुटके, अमरूद, कीवी और सिलबट में बनी चटनी जैसे पहाड़ी व्यंजनों को भी खूब पसंद किया गया। इस दौरान आयोजित माल्टा प्रतियोगिता में महिला वर्ग में उर्मिला थापा ने जबकि पुरुष वर्ग में सूरज क्षेत्री ने सबसे अधिक 13 माल्टे खाकर पहला स्थान हासिल किया। हालांकि, पार्टी के दौरान पूर्व मंत्री हीरा सिंह बिष्ट को बोलने का मौका नहीं मिलने से थोड़ी टोका-टाकी भी हुई।
