उत्तराखण्ड
बदरीनाथ धाम यात्रा के लिए तैयारियां पूरी, आज सुबह सात बजे खुलेंगे कपाट
चमोली/बदरीनाथ। देश के चारधामों में सर्वश्रेष्ठ माने जाने वाले बदरीनाथ धाम की तीर्थयात्रा की तैयारियां पूर्ण हो चुकी हैं। श्रद्धालुओं की वर्षों की प्रतीक्षा अब समाप्त होने जा रही है। रविवार सुबह ठीक सात बजे भगवान बदरीनाथ के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। इस शुभ अवसर के लिए बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति और नगर पंचायत बदरीनाथ ने हर स्तर पर तैयारियां पूरी कर ली हैं।
भक्तों का उमड़ा सैलाब, दो दिन पहले ही शुरू हुआ पहुंचना
कपाट खुलने से दो दिन पूर्व से ही भक्तों का बदरीनाथ धाम पहुंचना शुरू हो गया है। शनिवार देर शाम तक लगभग 550 वाहन बदरीनाथ और आसपास के क्षेत्रों में पहुंच चुके हैं। यात्रा मार्गों, पड़ावों और स्थानीय बाजारों में चहल-पहल बढ़ गई है। भगवान बदरीनाथ के दर्शन को लेकर श्रद्धालुओं में विशेष उत्साह है।
फूलों से सजा भव्य मंदिर परिसर
बदरीनाथ धाम को विशेष रूप से सजाया गया है। बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति द्वारा मंदिर, सिंहद्वार, लक्ष्मी मंदिर और घंटाकर्ण मंदिर को ऑर्किड व गेंदे के फूलों से सुसज्जित किया गया है। मंदिर के परिक्रमा स्थल की सफाई और बदरीनाथ आस्था पथ की मरम्मत भी पूरी कर ली गई है, ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।
भूस्खलन क्षेत्रों को किया गया सुरक्षित
धाम तक की यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए प्रशासन ने भूस्खलन संभावित क्षेत्रों जैसे लामबगड़, पागलनाला, छिनका, गुलाबकोटी, हाथी पहाड़ और क्षेत्रपाल में चट्टानों पर डबल लेयर लोहे की जाली लगाई है। इससे इन क्षेत्रों में गिरने वाले पत्थरों से सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी।
हाईवे पर बर्फ के बीच से गुजरते श्रद्धालु
बदरीनाथ हाईवे पर हनुमान चट्टी से कंचन गंगा तक छह स्थानों पर श्रद्धालुओं को बर्फ के सुंदर नजारों के दर्शन हो रहे हैं। अलकनंदा नदी के देवदर्शनी के समीप अब भी करीब 200 मीटर लंबा हिमखंड पसरा हुआ है। हालांकि कंचन गंगा क्षेत्र में हाईवे अब भी पूरी तरह सुगम नहीं हो पाया है। यहां बोल्डरों के बीच से ही वाहनों की आवाजाही की जा रही है। बावजूद इसके, मिट्टी और पत्थरों से भरान कर हाईवे को अस्थायी रूप से दुरुस्त किया गया है।
माणा गांव में भी दिखी चहल-पहल
भारत के अंतिम गांव माणा में भी तीर्थयात्रा के चलते रौनक लौट आई है। चाय और प्रसाद की दुकानों के साथ स्थानीय व्यवसाय फिर से सक्रिय हो गए हैं। ग्राम प्रधान पीतांबर मोल्फा ने जानकारी दी कि इस वर्ष सरस्वती नदी के समीप पुष्कर कुंभ का आयोजन किया जाएगा। इसके लिए तैयारियां चल रही हैं। केशव प्रयाग तक पहुंचने वाले पैदल रास्तों की मरम्मत और रेलिंग लगाने का कार्य भी तेज़ी से किया जा रहा है।
पॉलीथिन मुक्त यात्रा का संकल्प
इस वर्ष बदरीनाथ धाम की यात्रा पॉलीथिन मुक्त रखने का निर्णय लिया गया है। चमोली जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने होटल और ढाबा संचालकों से पॉलीथिन का प्रयोग न करने का आग्रह किया है। साथ ही उन्होंने सभी प्रतिष्ठानों को साफ-सुथरा रखने, फायर सिलिंडर अनिवार्य रूप से रखने और रेट लिस्ट स्पष्ट रूप से चस्पा करने के निर्देश दिए हैं।
बदरीनाथ यात्रा के लिए प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है और श्रद्धालुओं की सुखद और सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
