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सेवानिवृत्त आईपीएस विमला गुंजियाल बनीं ग्राम प्रधान: गांव और पंचायती राज को मिलेगी नई दिशा
पिथौरागढ़। उत्तराखंड पुलिस की सेवानिवृत्त महानिरीक्षक विमला गुंजियाल ने एक ऐतिहासिक पहल करते हुए अपने मूल गांव गुंजी (जनपद पिथौरागढ़) में निर्विरोध ग्राम प्रधान बनकर देशभर में मिसाल कायम की है। यह शायद पहली बार हुआ है कि कोई सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी गांव लौटकर पंचायत की बागडोर संभाले। उनके सामने न केवल अपने गांव के विकास बल्कि पूरे उत्तराखंड के दुर्गम क्षेत्रों के लिए एक नया मॉडल प्रस्तुत करने की चुनौती होगी।

गुंजी और जौलिंगकौंग जैसे सीमांत क्षेत्रों में पर्यावरण संरक्षण और पर्यटन को संतुलित करते हुए नवाचार की आवश्यकता है। यह उम्मीद की जा सकती है कि विमला गुंजियाल पारंपरिक ग्राम विकास की सीमाओं से आगे सोचेंगी — केवल बिजली, पानी, सड़क, स्कूल तक नहीं, बल्कि आधुनिक आवश्यकताओं की भी योजना बनाएंगी।

गांव की सबसे बड़ी चुनौतियों में ग्राम विकास अधिकारी, जूनियर इंजीनियर और खंड विकास अधिकारी की फाइलों का जटिल तंत्र है। लेकिन एक अनुभवी अफसर होने के नाते, वे इस प्रशासनिक पेच को समझकर पार पा सकती हैं। साथ ही, उन्हें गांव की आंतरिक, सामाजिक समस्याओं से भी जूझना होगा, जो केवल एक संवेदनशील प्रधान ही सुलझा सकता है।
उनसे यह भी अपेक्षा की जाती है कि वे उत्तराखंड की कमजोर हो रही पंचायती राज व्यवस्था को सशक्त बनाने में अग्रणी भूमिका निभाएं, ताकि ग्रामीण सरकारें वास्तव में स्वशासी बन सकें।
