नई दिल्ली
हरिद्वार में संस्कार भारती की नाट्य विधा कार्यशाला संपन्न, ‘वात्सल्य वाटिका’ ने जीता प्रथम पुरस्कार
हरिद्वार। भारतीय कला और संस्कृति को समर्पित संस्था संस्कार भारती की हरिद्वार महानगर इकाई द्वारा दो दिवसीय नाट्य विधा कार्यशाला का आयोजन सरस्वती विद्या मंदिर, सेक्टर-2 के प्रांगण में सफलतापूर्वक किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य बच्चों में नाट्य प्रतिभा का संवर्धन करना था। कार्यशाला में हरिद्वार के विभिन्न विद्यालयों से कुल 68 बाल प्रशिक्षार्थियों ने भाग लिया।

कार्यशाला के प्रथम सत्र में प्रतिभागियों को नाट्य विधा के नियम, सिद्धांत एवं उसके ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व से अवगत कराया गया। द्वितीय सत्र में बच्चों ने समूहों में मिलकर नाटक की पटकथा लेखन, विचार प्रस्तुति एवं शीर्षक निर्धारण का अभ्यास किया। कार्यशाला के अंतिम दिन छह नाटकों का मंचन हुआ, जिनमें सामाजिक, पारिवारिक एवं राष्ट्रीय विषयों को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया गया।
वात्सल्य वाटिका विद्यालय के बच्चों ने पृथ्वीराज चौहान के ऐतिहासिक प्रसंग पर आधारित नाटक प्रस्तुत कर अपनी नाट्य क्षमता का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया और प्रथम स्थान प्राप्त किया। द्वितीय स्थान केंद्रीय विद्यालय की कौशल्या टीम को मिला, जबकि तृतीय स्थान सरस्वती विद्या मंदिर की संदेश टीम के हिस्से आया। शेष दो टीमों को प्रोत्साहन पुरस्कार प्रदान किया गया।
कार्यशाला का निर्देशन श्रीमती नीता नय्यर ‘निष्ठा’ और श्रीमती मनीषा सिंह द्वारा किया गया। निर्णायक मंडल में श्रीमती रीता अवस्थी, पुष्पा हंस और वीना कौल ने अपनी भूमिका निभाई। निर्णायकों ने सभी प्रस्तुतियों की सराहना करते हुए कहा कि बच्चों में अभिव्यक्ति की क्षमता और टीम वर्क का अद्भुत समन्वय देखने को मिला।
कार्यक्रम का संचालन श्रीमती नीता नय्यर ने किया, वहीं समापन श्रीमती श्वेता सरन की मधुर आवाज़ में ‘वंदे मातरम्’ के सामूहिक गायन से हुआ, जिससे वातावरण भावविभोर हो गया।
समारोह में प्रांतीय मंत्री राकेश मालवीय, कमल सैनी, महिला प्रमुख ज्योति भट्ट, आशा साहनी, श्रीजा त्रिपाठी, श्वेता सरन, अपराजिता, विमलेश गौड़, कविता जैन, पुष्पा अग्रवाल, सरस्वती पुण्डीर, एन.के. पुण्डीर, देवेन्द्र चौहान व देवेन्द्र मिश्र सहित अनेक गणमान्यजन उपस्थित रहे।
कार्यशाला ने बाल प्रतिभाओं को मंच प्रदान कर उन्हें आत्मविश्वास व सृजनशीलता से परिपूर्ण करने का कार्य किया।
