ज़ख्म अपनों से हमको मिले इस क़दर,स्याही भी अब कलम की गरल हो गई।पीर की झील जो थी अभी तक जमी,ताप धोखों...
दिल के दर्द का दोस्त यहाँ, एहसास किसे होता है। कोई तड़पता रहा प्यार में तेरे, विश्वास किसे होता है। जिसके लिये...
प्रेम और सद् भाव कीअन्तस् में भाषा गढ़नी होगी,परहित में कुछ काम करेंये अभिलाषा गढ़नी होगी,देख पराई पीड़ा मन मेंअपने दुःख का...
आस्तीन में पलने वालों,बोलो कितना और पलोगे?मूंग वक्ष पर दलने वालों,बोलो कितना और दलोगे?बाहर से दिखते हो चंगे,पर भीतर से सुलग रहे...
आस्तीन में पलने वालों,बोलो कितना और पलोगे?मूंग वक्ष पर दलने वालों,बोलो कितना और दलोगे?बाहर से दिखते हो चंगे,पर भीतर से सुलग रहे...
पीर दिल में कहीं भी जमी न रहे,आँख में आँसुओं की नमी न रहे,चाहे नफ़रत ही तुमसे करें लोग पर,हौसलों में तुम्हारे...
चंद पलों का सुख दे करकेजीवन भर की पीर लिखी है, टेढ़ी-मेढ़ी,आड़ी-तिरछीकैसी अमिट लकीर लिखी है, छीन पिता का साया उर मेंअकथ...
धर्म जाति से ऊपर उठकरउनके रहे विचार,और समाज की हर कुरीति परखुलकर किया प्रहार।ऊँच नीच का भेद मिटाकरहो सबका सम्मान,बाबासाहेब की चाहत...
दरिया से जाकर कह दो,किनारा मिल गया मुझको। जिन्दगी जीने का हँसी,सहारा मिल गया मुझको। चले थे हम सफर में जब,तन्हा और...
जब भी लिखेगी कुछ खास लिखेगी,कभी न दिलों की खटास लिखेगी,प्रेम की स्याही में शीश डुबाकर,एकता की ही मिठास लिखेगी।हर्ष लिखेगी उल्लास...