बिच्छू,गोजर,साँप छिपे हैं खादी में। बे-हिसाब,बे-नाप छिपे हैं खादी में। राजनीति सौ रंग भला क्यों न बदले, गिरगिट के भी बाप छिपे...
आज तेरे दर पे हम यारा ,यूँ मुस्कुराने आ गए।छोड़ के पीछे गम के,अब सारे बहाने आ गए।हिम्मतों की डोर को,तुमको भी...
भ्रष्टाचार की गोद में बैठा स्वार्थ के अण्डे सेता है। वोट के बदले जो जनता को आश्वासन बस देता है। सारी बाजी...
जिन्दगी का एक लम्हा,आज फिर निकल गया। वक्त था आया हाँथ में,पर रेत सा फिसल गया। हैं हसरतें जो दिल में, आज...
सजा चुनावी दंगलदीखें द्वारे द्वारे नेताजी,पकड़ पकड़कर हर वोटर केपाँव पखारें नेताजी,ये कर दूंगा,वो कर दूंगा,सब कर दूंगा कहते हैं,बना के उल्लू...
चमकेंगी गलियाँअब चमकेगी राहें,न भरनी पड़ेंगीमायूसी की आहें,लपक करके नेताये वोटर से बोले,मुझे देखकर यूँ नफेरो निगाहें। देवेश द्विवेदी ‘देवेश’
कल तक जो लगती थीख्वाबों की दुनिया, सवालों की दुनिया, जवाबों की दुनिया, वही आज हर पल हैमुझको लुभाती, कागज़-कलम औरकिताबों की...
दीवारों,गली,खम्भे,राहों में नेता, चहुंओर सबकी निगाहों में नेता, चुनावी समय में सदा दीखते हैं, वोटर के पैरों और बाहों में नेता। देवेश...
गर्मी है बहुत ज्यादा यह कहकररो रहे हैं हम,इक इक बूँद पानी की दिनों दिनखो रहे हैं हम,मगर ये बीज बर्बादी का...
पड़ी फटकार रत्ना से‘राम’ पर आ गये तुलसी,रची मानस जगत् मेंराम से ही छा गये तुलसी,रमकर राम-भक्ति मेंराम-गुण गा गये तुलसी,संग-संग राम...