नई दिल्ली: सफदरजंग अस्पताल में बाल रोग विभाग में एक नई यूनिट शुरू की गई है, जो छोटे बच्चों के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो रही है। इस यूनिट में विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम बच्चों के पेट से छोटी-छोटी वस्तुएं जैसे कि सोने का झुमका, पिन और सिक्के निकाल रहे हैं।
क्या है मामला?
हाल ही में अस्पताल में 15 माह के एक बच्चे के पेट से सोने का झुमका, 14 साल की एक लड़की के पेट से पिन और 18 साल के एक लड़के के पेट से सिलाई मशीन की सुई निकाली गई। इसके अलावा, पाकिस्तान से आए एक बच्चे के पेट से भारतीय सिक्का और एक अन्य बच्चे के पेट से तीन सिक्के निकाले गए।
नई यूनिट की खासियतें:
* विशेषज्ञ डॉक्टर: इस यूनिट में बाल रोग विभाग के गैस्ट्रोइंटेरोलाजी और एंडोस्कोपी के विशेषज्ञ डॉक्टर मौजूद हैं।
* 24 घंटे सेवा: यह यूनिट 24 घंटे काम करती है, जिससे बच्चों को किसी भी समय इलाज मिल सकता है।
* छोटे बच्चों के लिए उपयुक्त: इस यूनिट में एक किलोग्राम वजन वाले बच्चों की भी एंडोस्कोपी की जा सकती है।
* सफलता दर: एक महीने में करीब 80 बच्चों की एंडोस्कोपी की जा चुकी है।
क्यों है ये यूनिट महत्वपूर्ण?
कई बार बच्चे खेलते-खेलते या गलती से छोटी-छोटी वस्तुएं निगल जाते हैं। ऐसी स्थिति में समय पर इलाज न मिलने से बच्चे की जान खतरे में पड़ सकती है। इस नई यूनिट के शुरू होने से ऐसे बच्चों को तुरंत इलाज मिल सकेगा। इससे बच्चों के जीवन को बचाया जा सकेगा।
डॉक्टरों का कहना:
अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. संदीप बंसल ने बताया कि इस यूनिट के शुरू होने से बच्चों को काफी फायदा होगा। बाल रोग विभाग के प्रमुख डॉ. रत्न गुप्ता ने कहा कि यह यूनिट 24 घंटे चलेगी और जरूरत के आधार पर कभी भी जांच की जा सकती है।