लखनऊ: राजधानी लखनऊ में साइबर ठगों ने एक बड़ी वारदात को अंजाम दिया है। मुंबई क्राइम ब्रांच के अधिकारी बनकर इन्होंने एक एनआरआई, उनकी बहन और एक रिटायर्ड बैंक अधिकारी को डिजिटल अरेस्ट कर लिया और उनसे 2.90 करोड़ रुपये ऐंठ लिए। ठगों ने पीड़ितों को नरेश गोयल के मनी लांड्रिंग मामले में आरोपी बताकर झांसे में लिया था।
कैसे हुआ पूरा मामला?
* एनआरआई महिला और उनकी बहन: कनाडा निवासी सुमन कक्कड़ कुछ माह पहले लखनऊ आई थीं। 25 नवंबर को एक अज्ञात नंबर से उन्हें फोन आया जिसमें फोन करने वाले ने खुद को क्राइम ब्रांच अधिकारी बताया। उसने सुमन को बताया कि उनके क्रेडिट कार्ड का उपयोग नरेश गोयल के खाते में पैसे ट्रांसफर करने के लिए किया गया है और उनका आतंकवादियों से संबंध है। डरी हुई सुमन ने ठग के कहने पर अपने और अपनी बहन विनय थपलियाल के खाते से कुल 1.88 करोड़ रुपये विभिन्न बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिए।
* रिटायर्ड बैंक अधिकारी: बाजारखाला के ऐशबाग रोड निवासी केनरा बैंक से सेवानिवृत्त अधिकारी प्रभात कुमार को भी इसी तरह ठगों ने निशाना बनाया। उन्हें बताया गया कि उनके आधार कार्ड का उपयोग गलत काम में किया जा रहा है। डर के मारे प्रभात कुमार ने ठग के बताए खातों में 1.02 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर दिए।
कैसे हुआ खुलासा?
जब पीड़ितों को ठगी का एहसास हुआ तो उन्होंने साइबर क्राइम थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पुलिस के अनुसार:
* ठगों ने पीड़ितों को डरा-धमकाकर उनसे पैसे ऐंठे।
* ठगों ने विभिन्न बैंक खातों का उपयोग किया ताकि पैसे का पता लगाना मुश्किल हो।
* पुलिस ने पीड़ितों के बैंक खातों के विवरण और कॉल डिटेल्स को खंगालना शुरू कर दिया है।