कैंची धाम आश्रम में बाबा नीम करौली के भक्तों की संख्या लगातार बढ़ रही
(कमल जगाती)
नैनीताल। उत्तराखंड में नैनीताल के कैंची धाम आश्रम में बाबा नीम करौली के भक्तों की जमकर संख्या बढ़ती जा रही है। छोटे से कस्बे कैंची में बाबा के भक्त कतार लग रही है। बाबा भी अपने सभी भक्तों पर जमकर आशीर्वाद की बरसात करते हैं। पिछले एक एक दिन में दस हजार प्रतिदिन लोगों ने बाबा के दरबार में सिर नवाजा है।
नैनीताल से अल्मोड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग 87ई पर भवाली से 8 किलोमीटर आगे बस है कैंची गांव। यहां वर्षों पूर्व एक हनुमान भक्त साधु ने वास किया जिनके चमत्कारों के बाद इस स्थान को लगातार लोकप्रियता मिलते चली गई। यहां कैंची धाम की स्थापना हुई। कैंची धाम नाम से पहचाने जाने वाले इस तीर्थस्थल में हर रोज हजारों की संख्या में आम भक्त आशीर्वाद पाने आते हैं। यहां बीच बीच में सेलिब्रिटी के आने से धाम का नाम चर्चाओं में गर्म रहता है। यहां हर वर्ष 15 जून को एक विशाल मेले एवं भंडारे का आयोजन किया जाता है। माना जाता है कि यहां श्रद्धापूर्वक की गई पूजा कभी व्यर्थ नहीं जाती। यहां मांगी गई हर मुराद जरूर पूरी होती है। कैंची धाम में श्री.हनुमान, राम-सीता और मां दुर्गा की मूर्तियां विराजमान हैं। कैंची धाम बाबा नीम करौली और हनुमान जी की महिमा के लिए प्रसिद्ध है। नीम करौली धाम की स्थापना को लेकर कई रोचक कथाएं प्रसिद्ध हैं। वर्ष1962 में नीम करौली महाराज ने यहां की भूमि पर कदम रखा। उन्होंने कई चमत्कारिक लीलाएं रचीं। फेसबुक और एप्पल के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग, स्टीव जॉब्स को राह दिखाने वाले नीम करौली बाबा हमेशा एक कंबल ओढ़े रहे। नीम करौली बाबा का जन्म उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले के अकबरपुर के एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था । मात्र 11 वर्ष की आयु में उनका विवाह हो गया। शादी के कुछ समय बाद ही उन्होंने घर छोड़ दिया। कुल 17 वर्ष की आयु में उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई। नीम करौली बाबा, हनुमान जी के भक्त थे। उन्होंने अपने जीवन में 108 हनुमान मंदिर बनवाए। बाबा ने अपनी समाधि के लिए वृंदावन की पवित्र भूमि को चुना। दस सितंबर 1973 को उन्होंने शरीर त्याग दिया। मार्क जुकरबर्ग भी कैंची धाम आश्रम में आए। वह यहां दो दिन रुके थे। उनकी मुराद भी बाबा के आशीर्वाद से पूरी हुई थी। हाल में भारतीय क्रिकिटर विराट कोहली और उनकी बॉलीवुड एक्ट्रेस पत्नी अनुष्का शर्मा भी यहां मनोकामना पूरी करने के लिए मत्था टेकने पहुंचे थे। दिल्ली, हरयाणा, उत्तर प्रदेश, पंजाब, महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु आदि से भक्त बड़ी संख्या में यहां पहुंच रहे हैं। पर्यटक भी मंदिर प्रबंधन की सादगी की जमकर तारीफ कर रहे है ।