उत्तराखण्ड

केदारनाथ में फंसे अब तक 1401 लोग रेस्क्यू, सेना, एनडीआरफ, एसडीआरएफ का अभियान जारी

रुद्रप्रयाग। केदारनाथ पैदल मार्ग पर अतिवृष्टि के बाद अलग-अलग स्थानों पर फंसे यात्रियों और स्थानीय लोगों का रेस्क्यू पांचवें दिन भी जारी रहा। सोमवार को 1401 लोगों का रेस्क्यू किया गया। जिसमें एमआई-17, चिनूक सहित अन्य हेलिकॉप्टर से 645, पैदल मार्ग से 584 और भीमबली-लिनचोली-चौमासी मार्ग से 172 यात्री व स्थानीय लोगों को निकाला गया।
पांच दिन में अभी तक कुल 11,775 यात्रियों का रेस्क्यू किया जा चुका है। वहीं, रेस्क्यू कार्य में लगी एसडीआरएफ की टीम ने केदारनाथ पैदल मार्ग पर पांच किमी क्षेत्र में ड्रोन से सर्च अभियान चलाया।
अभियान के दौरान लिंचोली से एसडीआरएफ की टीम को पत्थर के नीचे हरियाणा के एक यात्री का शव बरामद हुआ। सोमवार को मिले शव की पहचान गौतम (28) पुत्र संजय, निवासी जगाधरी, यमुनानगर हरियाणा के रूप में की गई। इससे पूर्व तीन शव मिल चुके हैं।
सोमवार को एनडीआरएफ और एडडीआरफ के जवानों ने सोनप्रयाग सहित अन्य स्थानों पर सुबह सात बजे से रेस्क्यू शुरू किया। सोनप्रयाग में एनडीआरफ ने ट्राली और अस्थायी रास्ते से 584 यात्रियों का रेस्क्यू किया। इनमें 25 महिलाएं और तीन बच्चे भी शामिल हैं। एनडीआरएफ के कमांडेंट सुदेश द्राल ने बताया कि 83 जवानों की अलग-अलग टीमें अतिवृष्टि प्रभावित रास्ते से लेकर अन्य स्थानों पर रेस्क्यू में जुटी हैं। वहीं एसडीआरएफ के जवान भी रेस्क्यू में जुटे रहे।
कमांडेंट मणिकांत मिश्रा ने बताया कि पैदल मार्ग से लेकर गौरीकुंड से सोनप्रयाग तक रेस्क्यू कार्य किया गया है। सुबह मौसम साफ होने पर भारतीय सेना के चिनूक हेलिकॉप्टर ने गौचर हवाई पट्टी से केदारनाथ जबकि एमआई-17 हेलिकॉप्टर ने चारधाम-गुप्तकाशी हेलिपैड से केदारनाथ के लिए उड़ान भरी।

केदारनाथ में फंसे अब तक 1401 लोग रेस्क्यू, सेना, एनडीआरफ, एसडीआरएफ का अभियान जारी
रुद्रप्रयाग। केदारनाथ पैदल मार्ग पर अतिवृष्टि के बाद अलग-अलग स्थानों पर फंसे यात्रियों और स्थानीय लोगों का रेस्क्यू पांचवें दिन भी जारी रहा। सोमवार को 1401 लोगों का रेस्क्यू किया गया। जिसमें एमआई-17, चिनूक सहित अन्य हेलिकॉप्टर से 645, पैदल मार्ग से 584 और भीमबली-लिनचोली-चौमासी मार्ग से 172 यात्री व स्थानीय लोगों को निकाला गया।
पांच दिन में अभी तक कुल 11,775 यात्रियों का रेस्क्यू किया जा चुका है। वहीं, रेस्क्यू कार्य में लगी एसडीआरएफ की टीम ने केदारनाथ पैदल मार्ग पर पांच किमी क्षेत्र में ड्रोन से सर्च अभियान चलाया।
अभियान के दौरान लिंचोली से एसडीआरएफ की टीम को पत्थर के नीचे हरियाणा के एक यात्री का शव बरामद हुआ। सोमवार को मिले शव की पहचान गौतम (28) पुत्र संजय, निवासी जगाधरी, यमुनानगर हरियाणा के रूप में की गई। इससे पूर्व तीन शव मिल चुके हैं।
सोमवार को एनडीआरएफ और एडडीआरफ के जवानों ने सोनप्रयाग सहित अन्य स्थानों पर सुबह सात बजे से रेस्क्यू शुरू किया। सोनप्रयाग में एनडीआरफ ने ट्राली और अस्थायी रास्ते से 584 यात्रियों का रेस्क्यू किया। इनमें 25 महिलाएं और तीन बच्चे भी शामिल हैं। एनडीआरएफ के कमांडेंट सुदेश द्राल ने बताया कि 83 जवानों की अलग-अलग टीमें अतिवृष्टि प्रभावित रास्ते से लेकर अन्य स्थानों पर रेस्क्यू में जुटी हैं। वहीं एसडीआरएफ के जवान भी रेस्क्यू में जुटे रहे।
कमांडेंट मणिकांत मिश्रा ने बताया कि पैदल मार्ग से लेकर गौरीकुंड से सोनप्रयाग तक रेस्क्यू कार्य किया गया है। सुबह मौसम साफ होने पर भारतीय सेना के चिनूक हेलिकॉप्टर ने गौचर हवाई पट्टी से केदारनाथ जबकि एमआई-17 हेलिकॉप्टर ने चारधाम-गुप्तकाशी हेलिपैड से केदारनाथ के लिए उड़ान भरी।

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रुद्रप्रयाग। केदारनाथ पैदल मार्ग पर अतिवृष्टि के बाद अलग-अलग स्थानों पर फंसे यात्रियों और स्थानीय लोगों का रेस्क्यू पांचवें दिन भी जारी रहा। सोमवार को 1401 लोगों का रेस्क्यू किया गया। जिसमें एमआई-17, चिनूक सहित अन्य हेलिकॉप्टर से 645, पैदल मार्ग से 584 और भीमबली-लिनचोली-चौमासी मार्ग से 172 यात्री व स्थानीय लोगों को निकाला गया।
पांच दिन में अभी तक कुल 11,775 यात्रियों का रेस्क्यू किया जा चुका है। वहीं, रेस्क्यू कार्य में लगी एसडीआरएफ की टीम ने केदारनाथ पैदल मार्ग पर पांच किमी क्षेत्र में ड्रोन से सर्च अभियान चलाया।
अभियान के दौरान लिंचोली से एसडीआरएफ की टीम को पत्थर के नीचे हरियाणा के एक यात्री का शव बरामद हुआ। सोमवार को मिले शव की पहचान गौतम (28) पुत्र संजय, निवासी जगाधरी, यमुनानगर हरियाणा के रूप में की गई। इससे पूर्व तीन शव मिल चुके हैं।
सोमवार को एनडीआरएफ और एडडीआरफ के जवानों ने सोनप्रयाग सहित अन्य स्थानों पर सुबह सात बजे से रेस्क्यू शुरू किया। सोनप्रयाग में एनडीआरफ ने ट्राली और अस्थायी रास्ते से 584 यात्रियों का रेस्क्यू किया। इनमें 25 महिलाएं और तीन बच्चे भी शामिल हैं। एनडीआरएफ के कमांडेंट सुदेश द्राल ने बताया कि 83 जवानों की अलग-अलग टीमें अतिवृष्टि प्रभावित रास्ते से लेकर अन्य स्थानों पर रेस्क्यू में जुटी हैं। वहीं एसडीआरएफ के जवान भी रेस्क्यू में जुटे रहे।
कमांडेंट मणिकांत मिश्रा ने बताया कि पैदल मार्ग से लेकर गौरीकुंड से सोनप्रयाग तक रेस्क्यू कार्य किया गया है। सुबह मौसम साफ होने पर भारतीय सेना के चिनूक हेलिकॉप्टर ने गौचर हवाई पट्टी से केदारनाथ जबकि एमआई-17 हेलिकॉप्टर ने चारधाम-गुप्तकाशी हेलिपैड से केदारनाथ के लिए उड़ान भरी।

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