देहरादून। उत्तरकाशी के एक आश्रम में रह रहे जर्मन नागरिक हेनरिच रॉडर से साइबर ठगों ने डिजिटल अरेस्ट का भय दिखाकर 30 लाख रुपये ठग लिए। इस संबंध में दून साइबर थाने में शनिवार को मुकदमा दर्ज किया गया।
हेनरिच रॉडर की तहरीर के अनुसार, दो मार्च को उन्हें एक अज्ञात नंबर से व्हाट्सऐप कॉल आया, जिसकी डीपी पर ‘भारत सरकार’ लिखा हुआ था। कॉल करने वाले ने खुद को मुंबई के कोलाबा पुलिस स्टेशन का अधिकारी बताया और कहा कि वह एक खुफिया एजेंसी के लिए काम कर रहा है। ठग ने हेनरिच को बताया कि जेट एयरवेज के पूर्व चेयरमैन नरेश गोयल के मामले की जांच के दौरान उनके घर से हेनरिच का परिचय पत्र मिला है। साथ ही, उन पर करोड़ों रुपये के संदिग्ध लेनदेन का आरोप लगाया।
डिजिटल अरेस्ट की धमकी देकर आरोपी ने हेनरिच को 30 लाख रुपये जमा कराने के लिए कहा। भयभीत होकर उन्होंने दो किश्तों में 11 और 19 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद जब ठगों ने दोबारा 36 लाख रुपये मांगे, तो हेनरिच को शक हुआ और वे उत्तरकाशी के डूंडा थाने पहुंचे। वहां पुलिस ने उन्हें बताया कि यह साइबर ठगी का मामला है।
सूचना मिलते ही दून साइबर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। सीओ साइबर अंकुश मिश्रा ने बताया कि मामले की विस्तृत जांच की जा रही है और आरोपियों का पता लगाने के प्रयास जारी हैं।
