उत्तराखण्ड

बारिश और मलबा आने से उत्तराखंड में 324 मार्ग बंद, हजारों यात्री फंसे

देहरादून। उत्तराखंड में पहाड़ से लेकर मैदान तक बीते दो दिनों से रुक-रुककर लगातार हो रही बारिश के कारण जहां आवागमन प्रभावित हो रहा है, वहीं नदियों का जलस्तर भी बढ़ गया है। बदरीनाथ और हाईवे बंद होने के कारण कई तीर्थयात्री और स्थानीय लोग भी जगह-जगह पर फंस गए थे। प्रशासन की टीम ने कई यात्रियों को तो आसपास ही रुकवा दिया, जबकि कई यात्री मार्ग खुलने के बाद रवाना हुए। इधर, खराब मौसम के कारण केदारनाथ यात्रा लगातार दूसरे दिन बंद रही।
बारिश और मलबा आने से राज्य में 324 मार्ग बंद हैं। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, सबसे अधिक 57 मार्ग पौड़ी जिले में बंद हैं। नैनीताल में 56, चमाेली में 50, पिथौरागढ़ में 42, चंपावत में 39, अल्मोड़ा, टिहरी और रुद्रप्रयाग में 17-17, देहरादून में 13, बागेश्वर में नौ, उत्तरकाशी में पांच, ऊधमसिंह नगर दो सड़कें बंद है। आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन के मुताबिक, कई जिलों में लगातार बारिश हो रही है, जिससे मार्ग खोलने में समस्या आ रही है। कई जगह मार्ग खोला गया, पर बाद में भूस्खलन से फिर बंद हो गया। लोक निर्माण विभाग के विभागाध्यक्ष दीपक यादव कहते हैं कि अभी तक इतनी बड़ी संख्या में मार्ग बंद नहीं हुए थे। सुरक्षा के पहलू को ध्यान में रखते हुए मार्गाें को खोलने का प्रयास किया जा रहा है। शुक्रवार को 62 मार्ग खोले भी गए। वहीं, टिहरी बांध का जल स्तर 827.32 मीटर पर पहुंच (बांध का अधिकतम जल स्तर-830 मीटर है) गया।  
वहीं, चमोली के ज्योतिर्मठ में सुराई थोटा पर मलबा आने के कारण मलारी हाईवे दो जगह पर बंद हो गया। इससे 47 यात्री व स्थानीय लोग रास्ते में ही फंस गए थे। एसडीआरएफ ने तीन यात्रियों को को रेस्क्यू कर दिया, लेकिन स्थानीय लोग आसपास के गांवों में चले गए। लाता गांव के समीप भी हाईवे बंद रहा। प्रशासन ने पर्यटकों व स्थानीय लोगों को मलारी में ही रुकवा दिया। इधर, ज्योतिर्मठ नगर क्षेत्र में मलबा आने से नृसिंह मंदिर मार्ग करीब दो घंटे बंद रहा। ऐसे में बदरीनाथ जाने वाले वाहनों को बाजार से भेजा गया।
इधर कमेड़ा में मलबा आने के कारण बदरीनाथ हाईवे बाधित हो गया और यहां करीब 500 वाहन फंस गए। इस दौरान कुछ वाहनों को गौचर-सारी-छिनका मार्ग से रुद्रप्रयाग के लिए भेजा गया, लेकिन यहां भी सड़क बंद होने पर रात को 25 से अधिक तीर्थयात्री जंगल में फंस गए। सूचना पर डीएम संदीप तिवारी ने रात को ही जेसीबी मौके पर भिजवाई। रात 10:30 बजे सड़क खुली और तीर्थयात्री रवाना हुए। कमेड़ा में बंद हुआ बदरीनाथ हाईवे 19 घंटे बाद खुल पाया। दूसरी ओर दिवालीखाली में नैनीताल हाईवे दो घंटे बंद रहा जबकि थराली के सुनला में खुलता बंद होता रहा। इधर, पर्थाडीप भूस्खलन क्षेत्र में लगातार भूस्खलन के कारण शुक्रवार को बदरीनाथ हाईवे दिनभर बंद रहा। चमोली और नंदप्रयाग से वाहनों को नंदप्रयाग-सैकोट-कोठियालसैंण सड़क से भेजा गया। पौड़ी जिले में धौलीधार के निकट लगातार मलबा गिरने से ऋषिकेश-बदरीनाथ राजमार्ग पर पूरी तरह से बाधित हो गया। यहां देवप्रयाग में यातायात रोक दिया गया और वाहनों को गजा चाका व श्रीनगर से मलेथा-टिहरी होकर ऋषिकेश की ओर डायवर्ट किया।
चमोली की पिंडर घाटी में भी बारिश के कारण पिंडर नदी उफान पर रही। इससे जहां, सरस्वती शिशु मंदिर, पिंडर पब्लिक स्कूल और बेतालेश्वर मंदिर में नदी का पानी भर गया। वहीं थराली में नदी किनारे बने पांच से अधिक घरों के भूतल में भी पानी भर गया। नदी किनारे और आपदा प्रभावित क्षेत्र के लोग रातभर जागते रहे। टिहरी जिले में भी बारिश के कारण लोनिवि की पांच और पीएमजीएसवाई की 10 सड़कें बंद रहीं। पौड़ी जिले के कोटद्वार क्षेत्र में बारिश के कारण लोनिवि और पीएमजीएसवाई की 33 सड़कों पर आवाजाही बाधित रही।

यह भी पढ़ें 👉  राजेंद्र सिंह के चंद्रयान-3 में योगदान पर गांव में हर्ष का माहौल
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

CWN उत्तराखंड समेत देश और दुनिया भर के नवीनतम समाचारों का डिजिटल माध्यम है। अपने विचार या समाचार प्रसारित करने के लिए हमसे संपर्क करें। धन्यवाद

[email protected]

संपर्क करें –

ईमेल: [email protected]

Select Language

© 2023, CWN (City Web News)
Get latest Uttarakhand News updates
Website Developed & Maintained by Naresh Singh Rana
(⌐■_■) Call/WhatsApp 7456891860

To Top
English हिन्दी