समग्र शिक्षा के राज्य परियोजना निदेशक डॉ. मुकुल कुमार सती ने जारी किया आदेश
हल्द्वानी। नए सत्र के लिए उत्तराखंड के सरकारी और निजी स्कूलों में अप्रैल से प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। प्रवेश प्रक्रिया जुलाई तक जारी रहेगी। पूर्व में कक्षा एक में एडमिशन के लिए बच्चे की उम्र पांच साल तय की गई थी। इससे कम उम्र के बच्चों को नर्सरी, एलकेजी या यूकेजी में प्रवेश मिलता था। पिछले साल ही केंद्र सरकार ने कक्षा एक में प्रवेश के लिए बच्चों की उम्र छह साल अनिवार्य कर दी थी। बावजूद इसके उत्तराखंड के कई निजी स्कूलों में छह साल से कम उम्र के बच्चों को नियम ताक पर रखकर कक्षा एक में एडमिशन दिए जा रहे थे। समग्र शिक्षा के राज्य परियोजना निदेशक डॉ. मुकुल कुमार सती के मुताबिक आने वाले शिक्षा सत्र में कक्षा एक में दाखिले के लिए बच्चे की उम्र छह या इससे अधिक साल का नियम लागू किया जाएगा।
राज्य के बड़े शहरों में कई निजी स्कूल पांच साल से कम उम्र के बच्चों को भी कक्षा एक में दाखिला दे रहे थे। इसका खामियाजाना बच्चों को पिछले साल तब भुगतना पड़ा था जब केंद्र सरकार ने पहली कक्षा में दाखिले की न्यूनतम आयु सीमा छह साल निर्धारित कर दी थी।
केंद्र के आदेशानुसार उत्तराखंड में भी न्यूनतम छह साल की आयु वाले बच्चों को ही कक्षा एक में एडमिशन दिया जाना था। निजी स्कूलों की मनमानी के कारण कई बच्चे उम्र की बाधा को पार नहीं कर पाए थे। चार या पांच साल के उम्र के कई बच्चे भी कक्षा एक में पहुंच गए थे। बच्चों को हितों को देखते हुए पिछले साल राज्य में कक्षा एक में प्रवेश की न्यूनतम आयु पांच वर्ष को ही लागू रखा था।
उत्तराखंड के सरकारी और निजी स्कूलों में 6 साल के छोटे बच्चों को नहीं मिलेगा दाखिल
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