स्टाफ की चौकसी के लिए निर्देश, ड्रोन से जंगल की होगी निगरानी
रामनगर। दीपावली के मौके पर शिकारियों की घुसपैठ की आशंका को लेकर कार्बेट टाइगर रिजर्व (सीटीआर) में अलर्ट जारी किया गया है। साथ ही कर्मचारियों की छुट्टी भी निरस्त कर दी गई है। संवेदनशील वन क्षेत्रों में दिन के अलावा रात्रि गश्त भी शुरू कर दी गई है। ड्रोन से भी जंगल की निगरानी की जा रही है। विशेष परिस्थिति में ही कर्मचारियों को अवकाश देय होगा।
सीटीआर की दक्षिणी सीमा उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले की सीमा से सटी हुई है। त्योहार के मौके पर व्यस्तता की वजह से शिकारियों के जंगल में घुसपैठ की आशंका ज्यादा रहती है। सीटीआर का जंगल बाघ, हाथी व तमाम वन्यजीवों की मौजूदगी होने से संवदेनशील रहता है।
शिकारी यहां जंगल में घुसपैठ के मौके खोजते हैं। ऐसे में स्टाफ को चौकस रखने के लिए सीटीआर क्षेत्र में अलर्ट जारी कर दिया है। जंगल के भीतर गश्त करने वाले वन चौकियों के कर्मचारियों की दीपावली पर छुट्टी निरस्त कर दी गई है।
कर्मचारियों को विशेष परिस्थितियों में भी अवकाश उच्चाधिकारियों की संस्तुति पर दिया जाएगा। रेंज स्टाफ को जंगल में नदी-नालों में गंभीरता व सजगता से गश्त के लिए कहा गया है। मेटल डिटेक्टर से संदिग्ध वस्तुओं को तलाशा जा रहा है। स्नीफर डाग से भी जंगल की छानबीन की जा रही है।
सीटीआर के निदेशक धीरज पांडे ने बताया कि दीपावली के मौके पर घुसपैठ का खतरा बना रहता है। सीटीआर में अलर्ट जारी करते हुए कार्मिकों के अवकाश पर रोक लगा दी है।
दीपावली पर जंगलों में उल्लुओं पर भी खतरा बढ़ जाता है। हिंदू मान्यताओं में उल्लू को सुख-समृद्धि की देवी मां लक्ष्मी का वाहन कहा गया है। कई लोग मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए उल्लुओं को पकड़कर उसकी पूजा करते हैं तो कई तंत्र-मंत्र के लिए बलि तक दे डालते हैं।
ऐसे में सीटीआर, रामनगर, तराई के जंगल में उल्लुओं को पकड़ने का खतरा बना रहता है। इसे देखते हुए उल्लुओं के वास स्थलों में वनकर्मी गश्त के जरिये निगरानी करते हैं। दीपावली पर विशेष सतर्कता वन विभाग बरत रहा है।
दीपावली पर उल्लुओं के शिकार की आशंका को लेकर कार्बेट में अलर्ट, कर्मचारियों की छुट्टी निरस्त
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