देहरादून: उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू होने के साथ ही राज्य सरकार ने रजिस्ट्रार और सब रजिस्ट्रार की नियुक्ति संबंधी नियमों में बदलाव किया है। नए नियमों के अनुसार, शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में अलग-अलग अधिकारियों को रजिस्ट्रार और सब रजिस्ट्रार का दायित्व सौंपा गया है।
ग्रामीण क्षेत्रों में:
* सब रजिस्ट्रार: ग्राम पंचायत विकास अधिकारी
* रजिस्ट्रार: एसडीएम
नगरीय क्षेत्रों में:
* नगर पंचायत और नगर पालिका:
* सब रजिस्ट्रार: अधिशासी अधिकारी (ईओ)
* रजिस्ट्रार: उपजिलाधिकारी
* नगर निगम:
* सब रजिस्ट्रार: टैक्स इंस्पेक्टर
* रजिस्ट्रार: नगर आयुक्त
रजिस्ट्रार जनरल की नियुक्ति:
यूसीसी लागू होने के बाद राज्य में रजिस्ट्रार जनरल की भी नियुक्ति की जाएगी। सब रजिस्ट्रार से संबंधित अपीलें रजिस्ट्रार सुनेंगे, जबकि रजिस्ट्रार से संबंधित अपीलें रजिस्ट्रार जनरल सुनेंगे। किसी भी मामले में अपीलीय सुनवाई के लिए 30 दिन के भीतर करनी अनिवार्य होगी।
लिव-इन रिश्तों का पंजीकरण:
नए कानून के अनुसार, पहले से लिव-इन रिलेशन में रह रहे लोगों के लिए भी पंजीकरण अनिवार्य होगा। यूसीसी लागू होने के एक महीने के भीतर उन्हें अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
यह बदलाव क्यों महत्वपूर्ण है:
यह बदलाव यूसीसी के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए महत्वपूर्ण है। इससे नागरिकों को स्थानीय स्तर पर ही रजिस्ट्रेशन संबंधी सुविधाएं मिल सकेंगी और विवादों का निपटारा भी आसानी से हो सकेगा।
मुख्य बिंदु:
* उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू होने के साथ ही रजिस्ट्रार और सब रजिस्ट्रार की नियुक्ति संबंधी नियमों में बदलाव किया गया है।
* शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में अलग-अलग अधिकारियों को रजिस्ट्रार और सब रजिस्ट्रार का दायित्व सौंपा गया है।
* रजिस्ट्रार जनरल की भी नियुक्ति की जाएगी।
* पहले से लिव-इन रिलेशन में रह रहे लोगों के लिए भी पंजीकरण अनिवार्य होगा।