नैनीताल

हाइकोर्ट के न्यायाधीश को दिल्ली जाते वक्त रास्ते मे दिखा पेड़ों का कटान, लिया स्वतः संज्ञान

कालाढूंगी से बाजपुर क्षेत्र का मामला, कोर्ट ने अपने पूर्व के आदेश पर सचिव वन के उपस्थित नहीं होने पर जताई नाराजगी
(कमल जगाती)
नैनीताल।
उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने कालाढूंगी से बाजपुर के बीच हो रहे पेड़ो के अवैध कटान मामले में स्वतः संज्ञान संबंधी जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए अपने पूर्व के आदेश पर सैकेट्री वन को न्यायालय में उपस्थित नहीं होने पर नाराजगी जताई।
सुबह उन्हें न्यायालय में पेश होना था, लेकिन वो न ऑनलाइन और न ही व्यक्तिगत उपस्थित हुए। न्यायालय ने उन्हें शाम को चार बजे उपस्थित होने का कहा तो वो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित हुए। सचिव ने न्यायालय को जानकारियां दी लेकिन न्यायालय उससे संतुष्ट नहीं हुआ। खंडपीठ ने डी.एफ.ओ.तराई और डी.एफ.ओ.रामनगर से जवाब पेश करने को कहा है। साथ में न्यायालय ने सचिव वन और दोनों डी.एफ.ओ.से 28 दिसम्बर को न्यायालय में पेश होने को कहा है। पूर्व में न्यायालय ने सैकेट्री को आदेश दिया था कि 2006 के केंद्र सरकार के वनाधिकार अधिनियम में किन लोगों को इसका लाभ दिया जा सकता है या किनको नहीं दिया जा सकता है इसकी चार सप्ताह में शपथपत्र के माध्यम से जानकारी दें।
न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा और न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खण्डपीठ को दिए शपथपत्र में केवल लकड़ी चुगान करते लोगों के चालान का जिक्र किया गया जबकि वनाधिकर अधिनियम 2006 का नहीं किया गया। मामले के अनुसार खंडपीठ ने दिल्ली जाते वक्त उस क्षेत्र में हो रहे पेड़ो के अवैध कटान का स्वतः संज्ञान लिया। मामले की वास्तविक स्थिति को जानने के लिए सम्बंधित क्षेत्र के डी.एफ.ओ.व अन्य अधिकारियों को तलब किया गया था।

Most Popular

CWN उत्तराखंड समेत देश और दुनिया भर के नवीनतम समाचारों का डिजिटल माध्यम है। अपने विचार या समाचार प्रसारित करने के लिए हमसे संपर्क करें। धन्यवाद

[email protected]

संपर्क करें –

ईमेल: [email protected]

Select Language

© 2023, CWN (City Web News)
Get latest Uttarakhand News updates
Website Developed & Maintained by Naresh Singh Rana
(⌐■_■) Call/WhatsApp 7456891860

To Top
English हिन्दी