देहरादून: उत्तराखंड के प्राथमिक और जूनियर हाईस्कूल के शिक्षकों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। अब शिक्षक गोल्डन कार्ड के माध्यम से न केवल अस्पताल में भर्ती होकर, बल्कि ओपीडी में भी कैशलेस इलाज करवा सकेंगे। प्राथमिक शिक्षा निदेशालय ने इस संबंध में शासन को प्रस्ताव भेजा है।
शिक्षा महानिदेशक झरना कमठान ने विभागीय अधिकारियों को इस प्रस्ताव को जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए हैं। यदि यह प्रस्ताव स्वीकृत हो जाता है तो प्रदेश के 35 हजार से अधिक शिक्षक इससे लाभान्वित होंगे।
शिक्षक संघ की मांग पूरी होने की उम्मीद:
जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष विनोद थापा ने बताया कि शिक्षकों को गोल्डन कार्ड के माध्यम से इलाज करवाने में कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। कई अस्पताल गोल्डन कार्ड स्वीकार नहीं करते थे या फिर वहां पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं होती थीं। इसके अलावा, शिक्षकों को हर महीने अपने ग्रेड पे से 10% की कटौती भी करनी पड़ती थी। शिक्षक संघ ने इस मुद्दे को लेकर शिक्षा महानिदेशक से मुलाकात की थी और मांग की थी कि शिक्षकों को ओपीडी से लेकर भर्ती तक का पूरा खर्च गोल्डन कार्ड के माध्यम से वहन किया जाए।
क्या है गोल्डन कार्ड योजना?
गोल्डन कार्ड योजना के तहत शिक्षकों को पैनल में शामिल अस्पतालों में इलाज करवाने की सुविधा मिलती है। इस योजना का उद्देश्य शिक्षकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करना है।
शिक्षकों में खुशी का माहौल:
शिक्षकों में इस खबर से खुशी का माहौल है। उन्हें उम्मीद है कि इस प्रस्ताव को शासन जल्द से जल्द स्वीकृत कर लेगा और वे बिना किसी आर्थिक बोझ के बेहतर इलाज करवा सकेंगे।