देहरादून। प्रदेश में शिक्षा में हर स्तर पर कार्यरत शिक्षकों को गृह जनपद में तैनाती का रास्ता खुलने जा रहा है। तबादला ऐक्ट के तहत गठित मुख्य सचिव समिति की बैठक में इस प्रस्ताव को सहमति दे दी गई है। विद्यालयी, उच्च और तकनीकी शिक्षा से जुड़े शिक्षकों को इसका लाभ मिलेगा। साथ ही विधवा-विधुर और मृतक आश्रित कोटे से नियुक्त कार्मिकों को भी तबादलों में राहत देने के लिए हरी झंडी दिखा दी गई। इन प्रस्तावों को मुख्यमंत्री के अनुमोदन के लिए भेजा जा रहा है। अनुमोदन मिलने पर इन्हें लागू कर दिया जाएगा।
मुख्य सचिव डॉ.एसएस संधु की अध्यक्षता में हुई धारा-27 के प्रकरणों की बैठक में शिक्षा विभाग, स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन और कर विभाग के विभिन्न प्रस्तावों पर मंथन किया गया। सूत्रों के अनुसार, प्रदेश के शिक्षक लंबे समय से सेवाकाल में एक बार गृह जनपद में तैनाती की मांग करते आ रहे हैं। खासकर विद्यालयी शिक्षा विभाग में बेसिक व एलटी कैडर के शिक्षकों का यह सबसे बड़ा मुद्दा है। जिला और मंडलीय कैडर होने की वजह से सैकड़ों शिक्षकों को अपने जनपद में आने का मौका नहीं मिल पा रहा है।
बैठक में विस्तृत चर्चा के बाद हर विभाग और श्रेणी के शिक्षकों को गृह जनपद में तैनाती का मौका देने के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी गई। विधवा- विधुर और मृतक आश्रित कोटे के कार्मिकों को भी राहत देने पर सहमति बनी। तीनों श्रेणियों में आश्रितों की स्थिति और आयु देखी जाएगी। यदि सिंगल पेरेंट व मृतक आश्रित कोटे से नियुक्त कार्मिक का अपने आश्रितों के संरक्षण-देखभाल के लिए उनके साथ रहना जरूरी है, तो उन्हें सुविधाजनक तबादले की छूट मिलेगी। उन्हें तबादले से मुक्त भी रखा जा सकता है या उनके विकल्प के अनुसार पोस्टिंग दी जाएगी। यह पदों की उपलब्धता के आधार पर होगा। स्टांप व कर विभाग के प्रस्ताव बैठक में नहीं लिए गए। उनसे दोबारा प्रस्ताव लाने को कहा गया है। कार्मिक सचिव शैलेश बगोली ने बताया कि बैठक के निर्णयों पर अनुमोदन के लिए उन्हें उच्च स्तर को भेजा जा रहा है।
बड़ी राहत: शिक्षकों को गृह जनपद में तैनाती मिलेगी
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