प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में एक बड़ा घोटाला सामने आया है। यहां ढाई लाख से अधिक ऐसे राशन कार्ड धारक पाए गए हैं जिन पर निराश्रित महिला पेंशन योजना के तहत विधवा पेंशन ले रही महिलाओं के पतियों के नाम दर्ज हैं। यह चौंकाने वाला खुलासा शासन स्तर पर फैमिली आईडी का विभिन्न विभागों के डेटाबेस से मिलान करने पर हुआ है।
क्या है पूरा मामला:
प्रयागराज में किए गए सर्वेक्षण में पाया गया कि दो लाख पचास हजार छह सौ अठानबे (2,50,678) राशन कार्ड ऐसे हैं जिन पर विधवा पेंशन ले रही महिलाओं के पतियों के नाम दर्ज हैं। यह दर्शाता है कि कई लोग विधवा पेंशन योजना का गलत लाभ उठा रहे हैं। इसके अलावा, सात लाख छब्बीस हजार आठ सौ अड़तालीस (7,26,848) राशन कार्ड धारक ऐसे पाए गए हैं जिनके परिवार का कोई न कोई सदस्य आयकर देता है। यह भी एक बड़ा संकेत है कि कई लोग जो पेंशन ले रहे हैं, वे आर्थिक रूप से सक्षम हैं।
अन्य जिलों में भी स्थिति गंभीर:
प्रयागराज के अलावा प्रतापगढ़ और कौशाम्बी जैसे जिलों में भी ऐसी ही स्थिति पाई गई है। प्रतापगढ़ में पंद्रह हजार पांच सौ उनन्नीस (15,559) राशन कार्ड धारकों के परिवार के सदस्य आयकर दाता हैं और दो हजार आठ सौ उनसठ (2,869) निराश्रित महिला पेंशन धारकों के पति भी सूची में शामिल हैं। कौशाम्बी में लगभग चार हजार पांच सौ (4,500) ऐसे राशन कार्ड धारक पाए गए हैं।
यह घोटाला क्यों है गंभीर:
* सरकारी खजाने को नुकसान: इस घोटाले से सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है।
* गरीबों का हक मारा जा रहा है: इस घोटाले के कारण वास्तविक रूप से जरूरतमंद लोगों को मिलने वाली मदद नहीं मिल पा रही है।
* भ्रष्टाचार का बड़ा मामला: यह घोटाला भ्रष्टाचार का एक बड़ा मामला है।
* विश्वास घाटा: इस घोटाले से सरकार की विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं।
क्या किया जाना चाहिए:
* कड़ी कार्रवाई: दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।
* जांच: इस मामले की गहन जांच की जानी चाहिए।
* सुधार: पेंशन योजना में सुधार किया जाना चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह के घोटाले न हो सकें।
* पारदर्शिता: पेंशन वितरण प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी बनाया जाना चाहिए।
प्रयागराज में बड़ा घोटाला: ढाई लाख महिलाओं के फर्जी तरीके से विधवा पेंशन लेने का खुलासा
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