लखनऊ: आईआईटीआर में आयोजित अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक सम्मेलन में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। अमेरिका के पीट्सबर्ग विश्वविद्यालय से आए भारतवंशी वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. उदयभान पांडेय ने बताया कि बच्चों में विकसित होने वाली कई दिमागी बीमारियों की एक बड़ी वजह अपने ही रक्त संबंधों में विवाह है। ऑटिज्म, डिस्लेक्सिया, मिर्गी, सेरिब्रल पैल्सी, एडीएचडी जैसी गंभीर बीमारियां इसी का नतीजा हो सकती हैं।
डॉ. पांडेय ने कहा कि शोध में पाया गया है कि कुछ समुदायों में रक्त संबंधी विवाह के कारण पिछली पीढ़ियों की छिपी बीमारियां उभर कर सामने आ जाती हैं। यह ऑटोसोमल रिसेसिव-जीन की वजह से होता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत में न्यूरोलॉजिकल बीमारियों की पहचान और उपचार के लिए अधिक शोध और फंडिंग की आवश्यकता है। साथ ही, जीनोम सीक्वेंसिंग पर भी अधिक काम करने की जरूरत है।
सम्मेलन में अन्य वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने भी जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण प्रदूषण जैसे मुद्दों पर चर्चा की। देश के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. डी. कानूनगो और अमेरिका केंटुकी से आए वैज्ञानिक डॉ. संजय श्रीवास्तव ने इन चुनौतियों से निपटने के लिए समाधान पेश किए।
मुख्य बिंदु:
* रक्त संबंधी विवाह बच्चों में दिमागी बीमारियों का कारण बन सकते हैं।
* ऑटोसोमल रिसेसिव-जीन इस समस्या का मुख्य कारण है।
* भारत में न्यूरोलॉजिकल बीमारियों पर शोध और फंडिंग बढ़ाने की जरूरत है।
* जीनोम सीक्वेंसिंग पर अधिक काम करने की आवश्यकता है।
* जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण प्रदूषण भी बड़ी चुनौतियां हैं।