दुश्मनों को क्यों यहाँ,वो दोस्त बनाकर बैठे हैं। अपनी आजादी को क्यों,वो गँवाकर बैठे हैं। क्यों नहीं वो शेर बनकर,अपनी राह चुन...
आजकल की सब बेटियाँ, होती नहीं सदाचारी।अपना पेट भरने को,दूजे के घर की छीनें थाली। एक एक तिनके को जोड़, जो आशियाँ...
बूढ़े बरगद की छाया दिल में सूनापन रहता हैतन खण्डहर सा लगता है,देख के सन्नाटा जीवन काअक्सर डर सा लगता है,भले बना...
जो थे बचत के आने दो आने चले गये खुशियों को जुटाने में जमाने चले गये सोचा रहूँ सुकून से अपनों के...
अखबार में पढ़करऐसा समाचार,कि पचास थप्पड़ खाने सेआता है निखार,एक पति ने अपनी पत्नी कोदो-चार थप्पड़ दे मारे,पत्नी को दिन में हीदिखने...
अखबार में पढ़करऐसा समाचार,कि पचास थप्पड़ खाने सेआता है निखार,एक पति ने अपनी पत्नी कोदो-चार थप्पड़ दे मारे,पत्नी को दिन में हीदिखने...
जिलाधिकारी धीरज सिंह गर्ब्याल के हरिद्वार तबादले पर व्यापारी नेता डॉ प्रमोद गोल्डी ने लिखा सम्मान पत्र कुछ इस तरह अपने प्रिय...
आज नहीं जो हो पाती है,बेशक कल हो जाती है।माँ जब साथ में होती है,हर मुश्किल हल हो जाती है।बस मेहनत की...
सुख-दुख से याराना लिखना,हर दिन खोना-पाना लिखना,प्रेम-भाव से अपना कहकर सबको गले लगाना लिखना,सब कर्त्तव्य निभाना लिखना,खुशियों भरा तराना लिखना,लौटे जब फिर...
नहीं हैं मानते जीते जी नसीहत उनकी, कभी न पूछते कैसी है तबीयत उनकी, बूढ़े मां-बाप जब दुनिया से चले जाते हैं,...