हरिद्वार

गंगा घाटों से लेकर नालों पर इसलिए लगाए जाएंगे सीसीटीवी

जिला गंगा संरक्षण समिति की बैठक में डीएम ने दिए निर्देश
हरिद्वार।
जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय की अध्यक्षता में मंगलवार को कलक्ट्रेट सभागार में जिला गंगा संरक्षण समिति की बैठक आयोजित की गयी। बैठक में जिला गंगा संरक्षण से सम्बन्धित विभिन्न बिन्दुओं को चर्चा के लिये सदस्य संयोजक उप वन संरक्षक, जिला गंगा संरक्षण समिति मयंक शेखर झा ने जिलाधिकारी के सम्मुख प्रस्तुत किया।
बैठक में कस्सावान नाले में आपत्तिजनक सामग्री डाले जाने के सम्बन्ध में चर्चा हुई। इस पर जिलाधिकारी ने नगर निगम, पेयजल निगम आदि से कस्सावान नाले की वस्तुस्थिति के सम्बन्ध में जानकारी ली। जिस पर अधिकारियों ने बताया कि इस क्षेत्र में नाला पूरी तरह टैप है। जिलाधिकारी ने तुरन्त इस सम्बन्ध में एसडीएम पूरण सिंह राणा को पूरी निगरानी रखने व नाले में आपत्तिजनक सामग्री डालने वालों के खिलाफ मुकद्मा दर्ज कराने ओर जुर्माना लगाने के निर्देश दिये। विभिन्न नालों पर पर्याप्त संख्या में सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे होने व कुछ कैमरों के खराब होने की जानकारी पर जिलाधिकारी खराब कैमरों को ठीक कराने तथा चिन्हित नालों पर दो अतिरिक्त कैमरे लगवाने
के निर्देश अधिकारियों को दिए।
बैठक में नमामि गंगे परियोजना में इंस्टीट्यूशनल एण्ड इण्डस्ट्रियल इस्टेट प्लांटेशन मद में पांच लाख पौधे लगाये जाने के सम्बन्ध में जिलाधिकारी ने अधिकारियों से जानकारी ली। इस पर सदस्य संयोजक उप वन संरक्षक ने बताया कि भूमि की उपलब्धता नहीं होने के कारण वृक्षारोपण के कार्य में प्रगति नहीं हो पा रही है। इसके अतिरिक्त अधिशासी अभियन्ता सिंचाई खण्ड ने बताया कि आईसीआईसीआई फाउण्डेशन से सीएसआर मद में एक हजार पौधों का रोपण किया जा चुका है तथा पांच हजार पौंधे संस्था द्वारा रोपित किये जाने का कार्य किया जा रहा है। इस पर जिलाधिकारी ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि सिंचाई विभाग के नियंत्रण में जितने भीनतटबन्ध हैं, उनमें पौंधे लगाने के सम्बन्ध में रिपोर्ट एक सप्ताह में वन विभाग को प्रेषित करना सुनिश्चित करें।
बैठक में पत्रकार रामेश्वर गौ़ड़ द्वारा नालों पर अवैध अतिक्रमण का मुद्दा उठाए जाने पर जिलाधिकारी ने एसडीएम पूरण सिंह राणा को 15 दिन के भीतर अवैध अतिक्रमण को चिन्हित कर रिपोर्ट पेश किए जाने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने कहा कि अवैध अतिक्रमण को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। फ्लड
प्लेन चिह्नीकरण एवं रिवर बैंड अतिक्रमण के सम्बन्ध में बैठक में चर्चा के दौरान अधिशासी अभियन्ता सिंचाई खण्ड ने अवगत कराया कि इस सम्बन्ध में अन्तिम अधिसूचना जारी किये जाने हेतु प्रकरण शासन को प्रेषित किया जा चुका है। बैठक में गंगा नदी, नहर आदि में यात्रियों व अन्य द्वारा पुलों पर से पूजा सामग्री व कूड़ा आदि डाले जाने के सम्बन्ध में भी चर्चा हुई। जिस पर जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश कि पेयजल निगम सहित
सम्बन्धित विभाग इसी हफ्ते ऐसे स्थलों पर जाली लगाने के लिये निरीक्षण कर इस्टीमेट प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें। बैठक में नमामि गंगे कार्य के अन्तर्गत ज्वालापुर में दुर्गाघाट के निर्माण के सम्बन्ध में पूछे जाने पर अधिकारियों ने बताया कि इसके निर्माण का इस्टीमेट सिंचाई विभाग देहरादून को स्वीकृति हेतु प्रेषित किया जा चुका है।
जिला गंगा संरक्षण समिति की बैठक में खण्डित मूर्तियों को गंगा व अन्य नदियों में विसर्जित किये जाने के प्रकरण पर चर्चा के दौरान जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि मूर्तियों का विसर्जन निर्धारित चिह्नित स्थानों पर ही किया जाये तथा नगर निगम चिह्नित पांच स्थानों में इस सम्बन्ध में सूचनापरक बोर्ड स्थापित करना सुनिश्चित करे। इसके अतिरिक्त बैठक में अवैध गौशालाओं द्वारा ज्वालापुर, भूपतवाला आदि में गोबर बहाये जाने, हरकी पैड़ी पर फूल फरोशी ठेका आदि के सम्बन्ध में भी विस्तृत विचार-विमर्श हुआ, जिस पर जिलाधिकारी ने सम्बन्धित को आवश्यक कदम उठाने के लिये दिशा-निर्देश दिये।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी प्रतीक जैन, अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) बीर सिंह बुदियाल, एसडीएम पूरण सिंह राणा, सिटी मजिस्ट्रेट सुश्री नूपुर वर्मा, अधिशासी अभियन्ता लोक निर्माण सुरेश तोमर, अधिशासी अभियन्ता सिंचाई सुश्री मंजू, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा.मनीष दत्त, अधिशासी अभियन्ता निर्माण एवं अनुरक्षण इकाई (गंगा) अजय कुमार, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा.योगेश शर्मा, मुख्य कृषि अधिकारी विजय देवराड़ी, महाप्रबन्धक उद्योग सुश्री पल्लवी गुप्ता, आपदा प्रबन्धन अधिकारी सुश्री मीरा रावत, पत्रकार रामेश्वर गौड़, सह संयोजक नमामि गंगे विचार मंच शिखर पालीवाल, स्वामी विवेकानन्द जनहित ट्रस्ट के हिमाशु सरीन, जिला गंगा संरक्षण समिति से जुड़े स्वयंसेवी संगठन, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

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