विवि मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम में ऑनलाइन माध्यम से जुड़े राज्यपाल सेनि. लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने की घोषणा
(कमल जगाती) नैनीताल। कुमाऊं विवि के केंद्रीय पुस्तकालय को अब शहीद मेजर राजेश सिंह अधिकारी केंद्रीय पुस्तकालय के नाम से जाना जाएगा। शुक्रवार को विवि मुख्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में ऑनलाइन माध्यम से बतौर मुख्य अतिथि जुड़े राज्यपाल सेनि. लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने इसकी घोषणा की। कुलपति प्रो. डीएस रावत की पहल पर शहीद मेजर राजेश अधिकारी को यह सम्मान दिया गया है।
विवि के विवेकानंद भवन स्थित सभागार में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ राज्यपाल की ऑनलाइन उपस्थिति में राष्ट्रगान से किया गया। राज्यपाल एवं कुलाधिपति लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि.) ने कहा कि यह विवि के लिए गर्व का विषय है, कि मेजर राजेश अधिकारी ने अपनी बीएससी की पढ़ाई कुमाऊं विवि से की। शुरुआत से ही सेना के प्रति उनमें जो जज्बा था, वह उन्हें प्रतिष्ठित भारतीय सैन्य अकादमी में ले आया और 11 दिसंबर 1993 को मेजर राजेश सिंह अधिकारी भारतीय सैन्य अकादमी से ग्रेनेडियर में कमीशन हुए। राज्यपाल ने कहा कि कारगिल युद्ध में उत्तराखंड के 75 जांबाज बेटों ने देश की हिफाजत के खातिर अपनी जान कुर्बान कर दी थी। और इनमें एक नाम नैनीताल के मेजर राजेश अधिकारी का भी शामिल है। जिनकी वीरता की कहानी सुनकर सभी का सीना गर्व से फूल जाता है। कहा कि आज अत्यंत हर्ष एवं गर्व की अनुभूति हो रही है कि राष्ट्र के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले कुविवि के एलुमनाई मेजर राजेश अधिकारी के नाम पर केंद्रीय पुस्तकालय का नाम रखे जाने के ऐतिहासिक पलों के हम सभी साक्षी बन रहे हैं। कुलपति प्रो. रावत ने मुख्य अतिथि राज्यपाल समेत अन्य अतिथियों का स्वागत एवं आभार व्यक्त किया। यहां परिसर निदेशक प्रो. नीता बोरा शर्मा, कुलसचिव दिनेश चंद्रा, परीक्षा नियंत्रक डॉ. महेंद्र राणा, प्रो. युगल जोशी, प्रो. दिव्या रहीं।
कुमाऊं विवि के केंद्रीय पुस्तकालय अब शहीद मेजर राजेश सिंह अधिकारी केंद्रीय पुस्तकालय के नाम से जाना जाएगा
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