उत्तराखण्ड

चारधाम यात्रा पर आने का कर रहे हैं प्लान तो आपके लिए ये जरूरी है…

10 मई से शुरू हो रही है यात्रा, इन बातों का रखेंगे ध्यान तो नहीं होंगे परेशान
देहरादून। केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही 10 मई से शुरू हो रही चार धाम यात्रा में चप्पल पहनकर वाहन संचालन पर रोक लगा दी गई है।
यात्रियों की सुरक्षा एवं दुर्घटना नियंत्रण को लेकर परिवहन विभाग की ओर से जारी गाइड-लाइन में समस्त यात्री वाहनों के चालक व परिचालक के लिए वर्दी पहनना भी अनिवार्य किया गया है। वाहन का ग्रीन कार्ड और ट्रिप-कार्ड की शर्त पहले ही अनिवार्य की जा चुकी है।
चार धाम यात्रा के नोडल अधिकारी/आरटीओ (प्रशासन) सुनील शर्मा की ओर से जारी गाइड-लाइन में बताया गया है कि यात्रा के दौरान किन नियमों का अनुपालन करें और क्या न करें।
• आरटीओ ने बताया कि यात्रियों व वाहन चालकों की सुविधा के लिए परिवहन विभाग के आनलाइन पोर्टल समेत यात्रा मार्गों पर इन दिशा-निर्देश के बारे में बैनर-पोस्टर के माध्यम से जानकारी दी जाएगी।
• आरटीओ ने कहा कि वाहन की हेड लाइट, टायर, लाइटें दुरुस्त होनी चाहिए।
• गतिमान वाहन में म्यूजिक सिस्टम संचालन करने पर भी कार्रवाई की जाएगी।
• पर्वतीय मार्गों पर यात्री वाहन संचालन करने से पूर्व यात्री वाहनों के चालक अपने ड्राइविंग लाइसेंस में पर्वतीय मार्गों की अनुमति जरूर दर्ज कराएं।
• चेकिंग में ऐसे वाहन चालकों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी, जो पर्वतीय मार्ग पर अवैध रूप से वाहन चलाते हुए पकड़े जाएंगे।
• वाहन सुरक्षित स्थान पर पार्क करें और हैंडब्रेक व टायर के पीछे लकड़ी का गुटका या ईंट जरूर लगा दें।
• कपड़े, छाता, बरसाती, पीने का पानी व खाद्य सामग्री साथ रखें।
• वाहन में टायर पंचर किट, टार्च, हवा भरने का पंप, कूड़ेदान व उल्टी के लिए वोमैटिंग बैग साथ रखें।
• ढलान व चढ़ाई वाले स्थानों पर अप गियर का उपयोग करें।
• यात्रा आरंभ होने और संपूर्ण होने पर चेकपोस्ट पर वाहन की प्रविष्टि दर्ज कराएं।
• आपातकालीन स्थिति में चिकित्सीय सहायता के लिए 108 एवं पुलिस सहायता के लिए 112 डायल करें।
• बसों की अधिकतम चौड़ाई 2570 मिमी, ऊंचाई 4000 मिमी व लंबाई 8750 मिमी से अधिक न हो।
• अकुशल व प्रशिक्षित चालक के साथ पर्वतीय मार्गों पर यात्रा न करें। ओवरस्पीड वाहन न चलाएं।
• निजी वाहन को किराये पर संचालित न करें, न ही ऐसे वाहन में यात्रा करें।
• चालक लगातार वाहन न चलाए। थोड़ी देर विश्राम जरूर करते रहें। नींद आने पर वाहन संचालन न करें।
• रात 10 बजे से सुबह चार बजे के बीच यात्रा मार्ग पर वाहन संचालन न करें।
• वाहन में हूटर, लाल-नीली बत्ती, फैंसी लाइटें व प्रेशर हार्न व न लगा हो।
• वाहन के भीतर ज्वलनशील पदार्थ न रखा हो। चालक शराब या धूमपान करते हुए वाहन न चलाएं।
• वाहन चलाते समय चालक मोबाइल या किसी इलेक्ट्रानिक गैजेट का उपयोग न करें।
• चालक यात्रियों से विवाद न करें और वाहन को खाई की तरफ पार्क न करें।
• वाहन में रबड़ चढ़े हुए टायर का उपयोग न करें व मोड पर ओवरटेक न करें।

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