गैरसैंण: उत्तराखंड में भूमि की अवैध खरीद-फरोख्त पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने कदम बढ़ा दिए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को गैरसैंण में एक उच्च स्तरीय बैठक में भू-कानून के मसौदे पर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि नया भू-कानून जन भावनाओं के अनुरूप होगा और इसमें कड़े प्रावधान शामिल किए जाएंगे।
नया भू-कानून जनता की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करेगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सशक्त भू-कानून लागू करने की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन को देखते हुए सरकार ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है। नया कानून इस तरह से बनाया जाएगा कि इसका उल्लंघन न हो सके। उन्होंने यह भी कहा कि एसडीएम और तहसीलदार स्तर पर जनता से सुझाव लिए जाएंगे और इन सुझावों को नए कानून में शामिल किया जाएगा।
उच्च स्तरीय समिति ने तैयार किया मसौदा
मुख्यमंत्री धामी की पहल पर पूर्व मुख्य सचिव सुभाष कुमार की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया था। इस समिति ने वर्तमान भू-कानून का अध्ययन करके एक मसौदा तैयार किया है। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में गठित एक अन्य उच्च स्तरीय समिति इस मसौदे का परीक्षण कर रही है।
बैठक में क्या हुआ?
बुधवार को हुई बैठक में भू-कानून के मसौदे पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि नए कानून को कड़ा बनाते हुए विकास गतिविधियों और पूंजी निवेश को भी ध्यान में रखा जाएगा। साथ ही, भू-कानून के उल्लंघन को रोकने के लिए कड़े प्रावधान किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि सरकार भू-कानून को लेकर अत्यंत गंभीर है। चर्चा के दौरान मिले सुझावों को नए कानून में शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नया भू-कानून स्थानीय व्यक्तियों की आवश्यकताओं और विकास के पहलुओं को ध्यान में रखकर तैयार किया जा रहा है।
अगले कदम
* जनता से सुझाव: सरकार तहसील स्तर पर जनता से सुझाव लेगी और इन सुझावों को नए कानून में शामिल करेगी।
* विधेयक: सरकार अगले बजट सत्र में सशक्त भू-कानून का विधेयक विधानसभा में पेश करेगी।
* कानून का क्रियान्वयन: कानून लागू होने के बाद सरकार इसके सख्त क्रियान्वयन सुनिश्चित करेगी।
उत्तराखंड में सशक्त भू-कानून को लेकर मुख्यमंत्री धामी की बड़ी पहल
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