जल की स्वच्छता के साथ, मन की स्वच्छता भी आवश्यक:- सत्गुरू माता सुदीक्षा महाराज
हरिद्वार। आजादी के 75वें ‘अमृत महोत्सव’ के तत्वावधान् में आज प्रातः 8.00 बजे ‘अमृत परियोजना’ के अंतर्गत ‘स्वच्छ जल स्वच्छ मन’ का इस अभियान के तहत हरिद्वार जिले में हर की पैड़ी के घाट, लक्सर में उल्टी गंगा, और गुरुकुल नारसन में विशाल तालाब की सफाई संत निरंकारी मिशन और संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन के सेवादारों द्वारा की गई। जिसमें पूरे हरिद्वार जिले के सेवादल के भाई बहनों ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया। संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन की टीम द्वारा नुक्कड़ नाटक के माध्यम से जन जन को स्वच्छता के लिये जागरूक किया गया। हरिद्वार में मुख्य रूप से पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद एवं मनोज गौतम सदस्य रेल मंत्रालय भारत सरकार इस स्वच्छता कार्यक्रम में मौजूद रहे। जिसमें पूरे हरिद्वार जिले के सेवादल के भाई बहनों ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया। संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन की टीम द्वारा नुक्कड़ नाटक के माध्यम से जन जन को स्वच्छता के लिये जागरूक किया गया। इस अभियान के तहत दिल्ली में भी सत्गुरु माता सुदीक्षा महाराज एवं निरंकारी राजपिता के पावन कर कमलों द्वारा आज प्रातः 8.00 बजे ‘अमृत परियोजना’ के अंतर्गत ‘स्वच्छ जल स्वच्छ मन’ का शुभारम्भ यमुना छठ घाट (आई. टी. ओ.) से किया गया। इसके साथ ही सत्गुरु माता के पावन आशीर्वाद से यह परियोजना समूचे भारतवर्ष के 1100 से अधिक स्थानों के 730 शहरों, 27 राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों में विशाल रूप से एक साथ आयोजित की गई। बाबा हरदेव सिंह की शिक्षाओं से प्रेरणा लेते हुए संत निरंकारी मिशन द्वारा निरंकारी सत्गुरु माता सुदीक्षा महाराज के दिव्य निर्देशन में ‘अमृत परियोजना’ का आयोजन हुआ। इस अवसर पर संत निरंकारी मिशन के सभी अधिकारीगण, गणमान्य अतिथि तथा हजारों की संख्या में स्वयंसेवक और सेवादल के सदस्य सम्मिलित हुए। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण संत निरंकारी मिशन की वेबसाईट के माध्यम से किया गया जिसका लाभ देश एवं विदेशों में बैठे सभी श्रद्धालुओं एवं निरंकारी भक्तों ने प्राप्त किया। परियोजना का शुभारम्भ करते हुए सत्गुरू माता सुदीक्षा महाराज ने जल की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि परमात्मा ने हमे यह जो अमृत रूपी जल दिया है तो हम सभी का कर्त्वय बनता है कि हम सब उसकी उसी तरह संभाल करे। स्वच्छ जल के साथ साथ मनों का भी स्वच्छ होना अत्यंत आवश्यक है क्योंकि इसी भाव के साथ हम संतो वाला जीवन जीते हुए सभी के लिये परोपकार का ही कार्य करते है। इस कार्यक्रम की प्रबंध व्यवस्था बहुत ही उत्तम रूप से की गई जिसमें सभी सेवादारों एवं आंगतुको के बैठने, जलपान, पार्किंग, मेडिकल इत्यादि का समुचित प्रबंध किया गया। अमृत प्रोजेक्ट के मध्य सुरक्षा व्यवस्था के अंतर्गत विभिन्न जल निकायों हेतु समूचे देश में दिये गये दिशा निर्देशों का उचित रूप से पालन किया गया जिसमे रेड ज़ोन सभी के लिए पूर्णतः वर्जित था। कार्यक्रम का मुख्य स्थल येलो ज़ोन था और इसके अतिरिक्त ग्रीन ज़ोन में सुरक्षा हेतु महिलाओं एवं बालको के प्रवेश की अनुमति दी गयी। परियोजना में अधिक से अधिक युवाओं का सक्रिय योगदान रहा। कार्यक्रम के मध्य केवल पर्यावरण अनुकूल उपकरणों का ही प्रयोग किया गया। प्लॉस्टिक की बोतलों, थर्माकॉल इत्यादि का प्रयोग सभी के लिए पूर्णतः वर्जित था।कार्यक्रम के समापन पर जोनल इंचार्ज हरभजन सिंह ने मिशन के कार्यों की प्रशंसा की और साथ ही निरंकारी सत्गुरु माता जी का हृदय से आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मिशन ने जल संकट से बचाव हेतु ‘जल संरक्षण’ एवं ‘जल निकायो’ की स्वच्छता जैसी इस कल्याणकारी परियोजनाओं को क्रियान्वित स्वरूप दिया है जो निश्चित रूप से समाज के उत्थान हेतु एक अहम कदम है। संत निरंकारी मिशन समय समय पर ऐसी ही अनेक परियोजनाओं में सक्रिय रूप से सम्मिलित रहा हैै जिनमें विशेषतः पर्यावरण संरक्षण हेतु ‘वननेस वन परियोजना’ और उसके उपरांत जल संरक्षण हेतु ‘अमृत प्रोजेक्ट’ प्रमुख है।