देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पहल पर आज देहरादून में प्रथम अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन में दुनिया के 17 देशों से आए उत्तराखंडी एक साथ जुटे। सम्मेलन में उत्तराखंड के विकास में प्रवासी उत्तराखंडियों की भूमिका पर चर्चा की गई और उन्हें सम्मानित भी किया गया।
सांस्कृतिक स्वागत:
दून पहुंचने पर प्रवासियों का उत्तराखंड की पारंपरिक संस्कृति के साथ स्वागत किया गया। एयरपोर्ट और होटलों में उन्हें गरमागरम कुल्हड़ की चाय और स्थानीय व्यंजन परोसे गए।
मुख्यमंत्री का संबोधन:
सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड तेजी से विकास कर रहा है और प्रवासी उत्तराखंडी इस विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्रवासी उत्तराखंडियों के अनुभव राज्य के विकास के लिए बहुत उपयोगी होंगे।
सम्मेलन के मुख्य बिंदु:
- उत्तराखंड में निवेश की संभावनाएं
- पर्यटन और स्वास्थ्य क्षेत्र में विकास
- कौशल विकास और रोजगार के अवसर
- जड़ी-बूटियों का व्यापार
प्रवासियों का उत्साह:
यूएई से आए शैलेंद्र नेगी ने कहा कि उत्तराखंड की सांस्कृतिक परंपराओं से स्वागत करके उन्हें बहुत अच्छा लगा। उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन प्रवासी उत्तराखंडियों को अपनी जड़ों से जोड़ने का एक अच्छा अवसर है।
विदेशों से आए प्रतिनिधि:
सम्मेलन में दुबई निवासी गिरीश चंद्र पंत, चीन से देव रतूड़ी, अमेरिका से डॉ. अनिता शर्मा, जापान से भुवन तिवारी, सिंगापुर से सुनील थपलियाल, मीनाक्षी डबराल, थाईलैंड से डॉ. एके काला जैसे कई प्रतिष्ठित प्रवासी उत्तराखंडी शामिल हुए।
सम्मेलन का उद्देश्य:
इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य विदेशों में रहने वाले उत्तराखंडियों को अपनी मातृभूमि के विकास में भागीदार बनाना है। इसके साथ ही, यह सम्मेलन प्रवासी उत्तराखंडियों के बीच एकता और भाईचारे की भावना को बढ़ावा देने में भी मदद करेगा।
सीएम धामी की पहल:
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विदेश दौरे के दौरान प्रवासी उत्तराखंडियों से मुलाकात की थी और इस सम्मेलन का आयोजन करने का निर्णय लिया था। उन्होंने प्रवासी उत्तराखंडी सेल का गठन कर प्रवासियों को जोड़ने का काम शुरू किया है।
यह सम्मेलन उत्तराखंड के विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।