देहरादून: उत्तराखंड में हुए साइबर हमले ने राज्य की वित्तीय व्यवस्था को बुरी तरह से प्रभावित किया है। पिछले चार दिनों से राज्य के कोषागार ठप पड़े हैं और करोड़ों रुपये के बिलों का भुगतान अटका हुआ है।
क्या है पूरा मामला:
* साइबर हमला: राज्य के स्टेट डाटा सेंटर पर दो अक्टूबर को एक बड़ा साइबर हमला हुआ था।
* वित्तीय व्यवस्था प्रभावित: इस हमले के कारण राज्य की एकीकृत वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (आईएफएमएस) पूरी तरह से ठप हो गई है।
* बिलों का भुगतान अटका: आईएफएमएस के ठप होने से राज्य के कोषागारों में कामकाज ठप हो गया है और प्रतिदिन औसतन 180 से 200 करोड़ रुपये के बिलों का भुगतान अटका हुआ है।
* राजस्व संग्रह प्रभावित: बिलों, रायल्टी, करों, जीएसटी व अन्य से प्राप्त होने वाला राजस्व भी अभी कोषागारों में नहीं पहुंच पा रहा है।
* कर्मचारियों का वेतन: हालांकि, राज्य सरकार ने तीन अक्टूबर तक सभी कर्मचारियों का वेतन जारी कर दिया था, लेकिन अगर साइबर हमला दो दिन पहले हुआ होता तो डेढ़ लाख कर्मचारियों का वेतन लटक जाता।
मालवेयर की पहचान नहीं:
अभी तक साइबर हमले में इस्तेमाल हुए मालवेयर की पहचान नहीं हो पाई है और यह भी पता नहीं चल पाया है कि यह हमला कहां से किया गया।
सरकार के प्रयास:
* सरकार ने साइबर हमले से निपटने के लिए विशेषज्ञों की एक टीम गठित की है।
* सभी वेबसाइटों को जल्द से जल्द शुरू करने का प्रयास किया जा रहा है।
* वैट प्रणाली में पेट्रोल-डीजल से प्राप्त होने वाले टैक्स के लिए ऑफलाइन व्यवस्था शुरू की गई है।
चिंताएं:
* वित्तीय नुकसान: अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि इस साइबर हमले से राज्य को कितना आर्थिक नुकसान हुआ है।
* नागरिकों को परेशानी: इस हमले के कारण आम लोगों को कई तरह की परेशानियां हो रही हैं।
* सुरक्षा चिंताएं: यह हमला राज्य की साइबर सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है।
उत्तराखंड में साइबर हमला: वित्तीय व्यवस्था चरमराई, 200 करोड़ के बिल अटके
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