हल्द्वानी। हल्द्वानी की दीक्षिता जोशी ने बिना कोचिंग लिए तीसरे प्रयास में आईएएस अधिकारी बनकर नाम रोशन किया है। पीलीकोठी निवासी दीक्षिता जोशी ने यूपीएससी परीक्षा में 58वीं रैंक हासिल की है। दीक्षिता की माता दीपा जोशी पहाड़पानी के खीमराम आर्य राजकीय इंटर कॉलेज में हिंदी विषय की प्रवक्ता और पिता आईके पांडे नैनीताल बीडी पांडे अस्पताल में फार्मासिस्ट के पद पर तैनात हैं।
रुद्रपुर की गरिमा की सबसे ज्यादा 39वीं रैंक
रुद्रपुर की ईश्वर कॉलोनी निवासी गरिमा ने पहले ही प्रयास में आईएएस की परीक्षा में 39वीं रैंक प्राप्त की। इनके पिता बिपिन नरूला एक पैथोलॉजी लैब में प्रबंधक और माता शारदा नरूला गृहणी हैं। गरिमा ने वर्ष 2017 में सीबीएसई की बोर्ड परीक्षा में उधम सिंह नगर जिला टॉप भी किया था।
संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सेवा परीक्षा में इस बार भी उत्तराखंड के होनहारों ने नाम रोशन किया है। रुद्रप्रयाग की कंचन डिमरी मुख्यालय से सटे गांव स्वीली की रहने वाली है। कंचन डिमरी के आईएएस में चयन होने से सम्पूर्ण परिवार में खुशी का माहौल है। कंचन डिमरी ने 654वीं रैंक प्राप्त की है। कंचन के पिता देवी प्रसाद डिमरी बीते कई वर्षो से दिल्ली में एक प्राइवेट कंपनी में सामान्य नौकरी पर है।
मुकुल जमलोकी ने चौथी बार सफलता पाई
परीक्षा में दून निवासी मुकुल जमलोकी ने चौथी बार सफलता पाई। उन्होंने 161वीं रैंक हासिल की है। वर्तमान में वे सीएजी कार्यालय कोलकाता में डिप्टी अकाउंटेंट जनरल के पद पर कार्यरत हैं। माधव भारद्वाज ने भी की सफलता अर्जित की है। मसूरी निवासी माधव भारद्वाज ने सिविल सेवा परीक्षा में 536वीं रैंक हासिल की है। इससे पहले उन्होंने यूपीपीसीएस परीक्षा में सफलता अर्जित की थी। वह वर्तमान में शामली में तहसीलदार के पद पर कार्यरत हैं।
वहीं, कल्पना ने भी किया प्रदेश का नाम रोशन किया है। उत्तराखंड के बागेश्वर में गरुड़ निवासी कल्पना पांडे की 102 रैंक आई है। मूलरूप से पिथौरागढ़ व वर्तमान में दून निवासी हिमांशु सामंत ने परीक्षा में 348वीं रैंक हासिल की है। चमोली जिले के बांगड़ी गाँव की मुद्रा गैरोला ने 165वीं रैंक हासिल की है।
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