हल्द्वानी: इस वर्ष दीपावली का त्योहार छह दिनों तक मनाया जाएगा। ज्योतिर्विद डॉ. सौरभ शंखधर के अनुसार, शास्त्रों में इन पांच दिनों को यम पंचक कहा गया है। इन पांच दिनों में यमराज, वैद्यराज धनवंतरि, लक्ष्मी-गणेश, हनुमान जी, मां काली और भगवान चित्रगुप्त की पूजा का विधान है।
धनतेरस:
* धनतेरस का त्योहार 29 अक्टूबर को मनाया जाएगा।
* पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 6:31 से रात 8:13 बजे तक है।
* खरीदारी का मुहूर्त सुबह 10:59 से शाम 4:55 बजे तक है।
नरक चतुर्दशी:
* छोटी दिवाली 30 अक्टूबर को मनाई जाएगी।
* यह पर्व हमेशा प्रदोष काल में मनाया जाता है।
दीपावली:
* दीपावली 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी।
* लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त शाम 5 से रात 10:30 बजे तक है।
* बही-खाता पूजन शाम 5:40 से रात 8:55 बजे तक किया जाएगा।
गोवर्धन पूजा:
* गोवर्धन पूजा 2 नवंबर को मनाई जाएगी।
* शुभ मुहूर्त सुबह 6 से 8 बजे तक और अपराह्न में 3:23 से 5:35 बजे तक है।
भैया दूज:
* भैया दूज 3 नवंबर को मनाई जाएगी।
* शुभ मुहूर्त अपराह्न 1:10 से 3:22 बजे तक है।
महालक्ष्मी का पूजन:
आचार्य रमाकांत दीक्षित के अनुसार, शाम को पूजा घर में लक्ष्मी और गणेश जी की मूर्तियों को स्थापित कर, चावल, जल से भरा कलश, सिक्के, फल, फूल, मिठाई, दूर्वा, चंदन, घी, पंचामृत, मेवे आदि से पूजा करनी चाहिए। भगवान विष्णु और कुबेर का भी विधिपूर्वक पूजन करें। पूजा करते समय 11 छोटे और एक बड़ा दीप जलाएं। देवी लक्ष्मी को कमल व गुलाब का पुष्प अर्पित करें। लाल, गुलाबी या पीले रंग का रेशमी वस्त्र, फल, इत्र, केसर की मिठाई या हलवा, मेवे की खीर अर्पित करें। गाय के घी, सरसों या तिल्ली के तेल से दीपक जलाएं। गन्ना, कमल गट्टा, खड़ी हल्दी, पंचामृत, सिंदूर, भोजपत्र, कौड़ी शंख आदि चढ़ाने से माता शीघ्र प्रसन्न होती हैं। ऊन के आसन पर बैठकर लक्ष्मी पूजन करने से तत्काल फल मिलता है। आखिर में मां लक्ष्मी की आरती, फिर क्षमा याचना करें।
यह खबर क्यों महत्वपूर्ण है:
यह खबर उन सभी लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जो दीपावली का त्योहार मनाते हैं। इस खबर में दीपावली से जुड़े सभी महत्वपूर्ण तथ्य दिए गए हैं जैसे कि पूजा का समय, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि। यह खबर लोगों को दीपावली का त्योहार सही तरीके से मनाने में मदद करेगी।
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