चंपावत- निराश्रित गोवंश पशुओं हेतु सभी जिलों में गौशाला स्थापना किए जाने के संबंध में गुरुवार को प्रदेश के मुख्य सचिव एसएस संधू द्वारा सभी जिला अधिकारियों एवं पशुपालन विभाग के अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक कर जनपद के विभिन्न नगरीय क्षेत्रों से लगे ग्रामीण क्षेत्रों में गौशाला स्थापना हेतु 10 से 15 दिन के भीतर भूमि चयन के निर्देश दिए गए।
मुख्य सचिव ने निराश्रित गोवंश पशुओं को संज्ञान में लिया
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्य सचिव ने कहा कि नगरीय क्षेत्रों में निराश्रित गोवंश के कारण जहां एक और विभिन्न दुर्घटनाएं नुकसान आदि होते हैं, वहीं गोवंशी पशुओं को भी क्षति पहुंचती है। इस हेतु सभी जिलाधिकारी अपने-अपने जनपदों में नगरी क्षेत्रों के लगे हुए ग्रामीण क्षेत्र में भूमि चयन कर लें। मुख्य सचिव ने अवगत कराया कि गौशाला संचालन हेतु भूमि एवं उसके संचालन में होने वाला व्यय की धनराशि सरकार द्वारा दी जाएगी इसका संचालन स्वयं सेवी संस्था अथवा निजी के द्वारा किया जाएगा।
मुख्य सचिव द्वारा दिए गए निर्देशों के क्रम में जिलाधिकारी नरेंद्र सिंह भंडारी ने समस्त उप जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वह प्राथमिकता के तहत 15 दिन के भीतर अपने अपने नगरी क्षेत्रों से लगे हुए ग्राम सभाओं में सरकारी भूमि को गोशाला निर्माण हेतु चिन्हित कर प्रस्ताव उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।
जिलाधिकारी ने आम जनता से भी अपील की है कि यदि कोई व्यक्ति गौशाला निर्माण हेतु अपनी निजी भूमि को दान में देना चाहते हैं तो वह संबंधित उप जिलाधिकारी को इस संबंध में शीघ्र ही प्रस्ताव दे सकते हैं जिला अधिकारी ने मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिए कि वह समस्त उप जिलाधिकारियों तहसीलदारों के साथ समन्वय स्थापित कर 15 दिन के भीतर जिले के सभी नगरीय क्षेत्रों से लगे क्षेत्रों में गौशाला स्थापना हेतु भूमि का चयन करें।
इस दौरान मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी ने अवगत कराया कि जनपद चंपावत में वर्तमान में तीन गौशाला संचालित है जिसमें 889 गोवंश पशु हैं। वीसी में जनपद से जिला विकास अधिकारी एसके पंत, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी पीएस भंडारी मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी आदि उपस्थित रहे।