देहरादून: शहर की यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए जिलाधिकारी सविन बंसल ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए देहरादून के छह प्रमुख मार्गों पर धरना-प्रदर्शन, जुलूस, शोभायात्रा और रैली आदि को प्रतिबंधित कर दिया है। इस प्रकार के आयोजनों के लिए अब नए रूट-स्थल निर्धारित किए गए हैं।
क्यों लिया गया यह निर्णय?
शहर में आए दिन होने वाले प्रदर्शन, जुलूस आदि के कारण प्रमुख मार्गों और चौराहों पर जाम की स्थिति बन जाती थी। यातायात व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा जाती थी। इस समस्या से निपटने के लिए जिला प्रशासन ने यह कड़ा कदम उठाया है।
कौन से क्षेत्रों में लगी है रोक?
शहर के निम्नलिखित प्रमुख क्षेत्रों में अब धरना-प्रदर्शन, जुलूस, शोभायात्रा और रैली आदि पर रोक लगा दी गई है:
* घंटाघर
* गांधी पार्क
* एस्लेहॉल चौक
* दर्शन लाल चौक
* तहसील चौक
* बुद्धा चौक
नए रूट-स्थल:
इन आयोजनों के लिए दो नए रूट निर्धारित किए गए हैं:
* सचिवालय कूच: जनसमूह को परेड ग्राउंड परिसर के बाहर डूंगाहाउस के पास एकत्रित किया जाएगा। इसके बाद कनक चौक होते हुए पैसिफिक तिराहा से आगे बढ़ाकर आयकर तिराहे पर ले जाया जाएगा।
* सीएम आवास कूच: परेड ग्राउंड से राजभवन-सीएम आवास कूच करने पर जनसमूह को पैसिफिक तिराहे पर रोका जाएगा।
पारंपरिक शोभा यात्राओं के लिए विशेष व्यवस्था:
पारंपरिक शोभा यात्राओं और धार्मिक जुलूसों के लिए विशेष परिस्थितियों में समय, मार्ग और संख्या के निर्धारण के लिए जिला प्रशासन, पुलिस और यातायात प्रशासन के साथ बैठक कर कार्ययोजना तैयार की जाएगी।
यह निर्णय क्यों महत्वपूर्ण है?
यह निर्णय शहर की यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे शहर में जाम की समस्या कम होगी और लोगों को आवागमन में आसानी होगी।
क्या हैं इस निर्णय के फायदे?
* शहर में यातायात व्यवस्था सुचारू होगी।
* जाम की समस्या कम होगी।
* लोगों को आवागमन में आसानी होगी।
* शहर की सुंदरता बनी रहेगी।
यह निर्णय किसके लिए महत्वपूर्ण है?
यह निर्णय शहर के सभी निवासियों के लिए महत्वपूर्ण है। इससे सभी को फायदा होगा।
देहरादून में प्रदर्शन, जुलूस पर रोक, शहर के छह प्रमुख चौराहों पर लागू हुई नई व्यवस्था
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