हल्द्वानी। कुमाऊं में दुर्गम क्षेत्रों तक ड्रोन से दवा पहुंचाने में नमो ड्रोन दीदी अहम भूमिका निभाएंगी। इसका पहला ट्रायल 25 जनवरी को हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज से होने वाला है। नमो ड्रोन दीदी, ड्रोन से सामग्री उतारने व उस पर सामग्री चढ़ाने का करेंगी। इसके लिए स्वास्थ्य मंत्रालय महिलाओं को प्रशिक्षण देगा। जिसके बाद ड्रोन की कमान महिलाओं के हाथ में होगी।
उत्तराखंड के ऋषिकेश एम्स में ड्रोन डिलीवरी प्रोजेक्ट के सफल परीक्षण के बाद अब हल्द्वानी के राजकीय मेडिकल कॉलेज में भी इसका परीक्षण होने जा रहा है। कॉलेज प्रबंधन ने बताया कि ड्रोन को चलाने के लिए महिलाओं को परीक्षण दिया जाएगा। इन महिलाओं को नमो ड्रोन दीदी का नाम दिया जाएगा। प्राचार्य डॉ. अरुण जोशी ने बताया कि ड्रोन की भार क्षमता 5 किलो तक होगी। ड्रोन और उसे संचालित करने वाली दीदियों का सारा खर्च एनएचएम से मिलेगा। शुरुआत में ड्रोन को ट्रायल के तौर पर डेली चार्ज पर लिया जाएगा। हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज से 25 जनवरी को ड्रोन दवा लेकर उड़ान भरेगा। ड्रोन दवा लेकर कोटाबाग सीएचसी जाएगा।
हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज से 25 जनवरी को ड्रोन से दवा कोटाबाग सीएचसी भेजी जाएगी दवा
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