नई दिल्ली। आने वाले दिनों में दवाइयों, बाइक सहित जरूरी वस्तुएं सस्ती हो सकती हैं। बोतलबंद पानी, पेय पदार्थ के साथ कुछ सामान महंगे हो सकते हैं। केंद्र सरकार के मंत्रियों के समूह यानी जीओएम जीएसटी दरों में सुधार की योजना बना रहा है। इसमें 100 वस्तुओं को शामिल किया गया है।
जीओम वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरों में बदलाव पर 20 अक्तूबर को बैठक करेगा। इसमें जीएसटी की 12 फीसदी दर घटाकर 5 फीसदी करने पर चर्चा होगी। जीओएम सिफारिशें जीएसटी परिषद के समक्ष रखेगा। पश्चिम बंगाल की वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने बृहस्पतिवार को बताया, चर्चा में मोटर साइकिल और बोतलबंद पानी जैसे महत्वपूर्ण विषय शामिल हैं।
बुधवार को जीओएम की बैठक में चिकित्सा और दवा से संबंधित वस्तुओं पर कर दरों में कमी की संभावनाओं पर चर्चा हुई। यह सभी 12 फीसदी के स्लैब में हैं। भट्टाचार्य ने कहा, इन कटौतियों से होने वाले संभावित राजस्व हानि को जीओएम कुछ वस्तुओं जैसे एयरटेड पानी और पेय पदार्थों पर जीएसटी बढ़ाने के विकल्प के रूप में देख रहा है। इन पर 28 फीसदी कर लगाए जाते हैं। साथ ही उपकर भी बढ़ाया जा सकता है। वर्तमान में चार जीएसटी स्लैब हैं। इनकी दरें 5 फीसदी, 12%, 18%, और 28% हैं। 2024 में औसत जीएसटी दर 11.56% हो गई है जो रेवेन्यू न्यूट्रल रेट 15.3 फीसदी से कम है।
स्वास्थ्य व जीवन बीमा प्रीमियम पर दर कम करने का निर्णय लेने के लिए मंत्रिस्तरीय समिति की पहली बैठक 19 अक्तूबर को होगी। बीमा प्रीमियम पर 18 प्रतिशत जीएसटी है। इस कर को हटाने या कम करने की मांग की जा रही है। जीएसटी परिषद ने इस पर कर के बारे में निर्णय लेने के लिए 13 सदस्यीय मंत्री समूह गठित करने का निर्णय लिया था। मंत्री समूह को अक्तूबर अंत तक परिषद को रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है। बीमा प्रीमियम पर परिषद द्वारा अंतिम निर्णय नवंबर में होने वाली बैठक में लिया जाएगा।
मंत्री ने कहा, आम लोगों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली साइकिल पर दर कम करने पर मंत्री समूह विचार-विमर्श करेगा। साइकिल और उसके कलपुर्जों पर 12 प्रतिशत कर है। ई-साइकिल पर पांच फीसदी है। जीएसटी कानून के तहत वस्तुओं तथा सेवाओं पर 40% तक का कर लगाया जा सकता है। हालांकि, 18 प्रतिशत कर वाली कुछ वस्तुएं जैसे बाल, ड्रायर, हेयर कलर तथा मेकअप उत्पाद फिर से 28 प्रतिशत स्लैब में आ सकते हैं। पश्चिम बंगाल ने सुझाव दिया कि जीएसटी परिषद की 23वीं बैठक में लिए गए निर्णय पर फिर से विचार किया जाना चाहिए, जिसमें 28 प्रतिशत के स्लैब को हटाकर 178 वस्तुओं पर कर की दरें घटाई गई थीं। साथ ही वस्तुओं पर कर की दर को घटाकर पांच प्रतिशत पर लाकर आम आदमी को राहत मिलेगी। खाद्य वस्तुओं को 12 प्रतिशत की दर से पांच प्रतिशत की दर पर लाने से कीमतों में कमी के रूप में राहत मिलेगी।
दवाइयों, बाइक सस्ती होंगी और बोतलबंद पानी व पेय पदार्थ महंगे
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