देहरादून। एमबीबीएस की फर्जी डिग्री लगाकर इंडियन मेडिकल काउंसिल उत्तराखंड में पंजीकरण कराने और सरकारी अस्पताल में चिकित्सा अधिकारी की नौकरी पाने वाले फरार आरोपित को आखिरकार पुलिस ने दबोच लिया है।
आरोपित तीन वर्ष से फरार था और पुलिस की ओर से आरोपित पर पांच हजार रुपये का इनाम भी रखा गया था। दून पुलिस ने इनामी आरोपित को हरियाणा के करनाल से गिरफ्तार कर लिया है।
रायपुर थानाध्यक्ष प्रदीप नेगी ने बताया कि 22 अक्टूबर 2021 में थाने में इंडियन मेडिकल काउंसिल उत्तराखंड के रजिस्ट्रार डा. डीडी चौधरी ने शिकायत दी थी। जिसमें बताया कि नकरौंदा निवासी अनिल कुमार ने उत्कल यूनिवर्सिटी भुवनेश्वर ओडिसा के नाम से एमबीबीएस की फर्जी डिग्री तैयार कर काउंसिल में अपना पंजीकरण करा लिया और फिर उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग के उप जिला चिकित्सालय रुड़की में चिकित्सा अधिकारी के पद पर नियुक्ति पा ली।
शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच की गई। विवेचना में आरोपित अनिल कुमार की ओर से उत्तराखंड मेडिकल कांउसिल व उत्तराखंड आयुर्विज्ञान परिषद में पंजीकरण के लिए उपलब्ध कराए गए प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए।
आरोपित ने अनुचित लाभ प्राप्त करने के आशय से एमबीबीएस की डिग्री कूटरचना कर तैयार की थी और इसे दर्शाकर काउंसिल में पंजीकरण कराने के साथ ही आरोपित ने सरकारी नौकरी भी प्राप्त कर ली थी। मुकदमा दर्ज होने के बाद से ही आरोपित अनिल कुमार फरार हो गया।
पुलिस की ओर से दैनिक समाचार पत्रों के माध्यम से आरोपित को प्रस्तुत होने की सूचना दी गई, लेकिन वह उपस्थित नहीं हुआ। जिस पर आरोपित के विरुद्ध न्यायालय से कुर्की वारंट प्राप्त कर पुलिस ने 10 मई 2022 को आरोपित के घर से चल संपत्ति की कुर्की की गई।
आरोपित के फरार रहने पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून ने उसकी गिरफ्तारी पर पांच हजार रुपये इनाम घोषित कर दिया गया। रायपुर थाने की टीम लगातार आरोपित की गिरफ्तारी के प्रयास करती रही, मुखबिर तंत्र को सक्रिय कर पुलिस आरोपित के ठिकानों के संबंध में जानकारी जुटाती रही। आरोपित के हरियाणा में होने की सूचना पर पुलिस टीम रवाना हुई और बीते शनिवार को हरियाणा के करनाल से आरोपित अनिल कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया।
एमबीबीएस की फर्जी डिग्री से सरकारी अस्पताल में चिकित्सा अधिकारी की नौकरी पाने वाले फरार आरोपी गिरफ्तार
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