देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पहल पर आयोजित प्रथम अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन का रविवार को देहरादून में भव्य आगाज हुआ। दुनिया भर के 17 देशों से आए उत्तराखंडी इस सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे।
दून पहुंचने पर प्रवासियों का पारंपरिक ढंग से स्वागत किया गया। छोलिया नर्तकों और पारंपरिक वेशभूषा में सजे लोगों ने प्रवासियों का तिलक लगाकर स्वागत किया। अमेरिका से आई अनीता शर्मा ने कहा कि इस तरह के स्वागत ने उन्हें अपने बचपन के दिनों में खो दिया। वहीं यूएई से आए शैलेंद्र नेगी ने इस आयोजन के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तराखंड की सांस्कृतिक परंपराओं से स्वागत करना एक विशेष अनुभव रहा है।
सम्मेलन में क्या होगा?
इस एक दिवसीय सम्मेलन में उत्तराखंड में निवेश की संभावनाओं, पर्यटन, स्वास्थ्य, कौशल विकास, विदेश में रोजगार और उच्च शिक्षा के साथ ही उद्यान और जड़ी-बूटी के क्षेत्र में संभावनाओं पर चर्चा होगी। विभिन्न विषयों पर पैनल डिस्कशन भी आयोजित किए जाएंगे।
सम्मेलन का उद्देश्य
इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य विदेशों में रह रहे उत्तराखंडियों को उनकी जड़ों से जोड़ना और राज्य के विकास में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करना है। साथ ही, राज्य में निवेश को बढ़ावा देना भी इस सम्मेलन का एक प्रमुख उद्देश्य है।
क्यों है यह सम्मेलन महत्वपूर्ण?
यह सम्मेलन उत्तराखंड के लिए कई मायनों में महत्वपूर्ण है:
* प्रवासी भारतीयों को जोड़ना: यह सम्मेलन विदेशों में रह रहे उत्तराखंडियों को उनके राज्य से जोड़ने का एक मंच प्रदान करता है।
* राज्य के विकास में योगदान: प्रवासी भारतीयों के पास ज्ञान, कौशल और संसाधन होते हैं, जो राज्य के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।
* निवेश को बढ़ावा देना: यह सम्मेलन राज्य में निवेश को बढ़ावा देने का एक अच्छा अवसर है।
* राज्य की छवि को बढ़ाना: यह सम्मेलन राज्य की छवि को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ाएगा।
यह सम्मेलन उत्तराखंड के लिए एक नई शुरुआत साबित हो सकता है। यह राज्य के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।