देहरादून। हैलो, डॉ. अविनाश खन्ना बोल रहे हो। आपकी बेटी को सदर थाना लखनऊ पुलिस ने गिरफ्तार किया है। यदि आप उसको छुड़वाना चाहते हो तो 80 हजार रुपये यूपीआई या फिर नेट बैंकिंग के माध्यम से भेज दो। नहीं तो आपकी बेटी को जेल भेज दिया जाएगा। नगर निगम के मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी के फोन पर बृहस्पतिवार को ये कॉल आई। उन्होंने इसकी पड़ताल की तो मामला साइबर ठग गिरोह से जुड़ा निकला। उन्होंने मामले में साइबर थाना पुलिस को शिकायत दी है।
बृहस्पतिवार को नगर मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अविनाश खन्ना नगर निगम में अपने कार्यालय में बैठे हुए थे। उसी दौरान उनके पास +923196055255 नामक नंबर से कॉल आई। सामने से बोल रहे युवक ने अपने आप को यूपी पुलिस से बताया। कहा कि उनकी बेटी को गिरफ्तार किया गया है और फिलहाल वह लखनऊ सदर थाने में है। डॉ. अविनाश खन्ना ने इसके पीछे का कारण पूछा तो वह बातों को घुमाने लगा। उन्होंने पूछा कि अब क्या करना होगा? जिस पर फोन करने वाले ने कहा कि सेटिंग-गेटिंग करके मामला सुलझाया जा सकता है। इसलिए अगर चाहते हो कि बेटी को जेल ना भेजा जाए तो एसबीआई के खाता संख्या 39149931454 जो कि सद्दाम हुसैन के नाम से संचालित है में या फिर 7070342813 मोबाइल नंबर पर यूपीआई के माध्यम से 30 हजार रुपये भेज दो। डॉ. खन्ना तब तक समझ चुके थे कि यह साइबर फ्राॅड कॉल है। उन्होंने फोन काट दिया। उन्होंने साइबर सेल को इस मामले में सूचनार्थ पत्र लिखा है।
आजकल यही हो रहा है। कभी डिजिटल अरेस्ट करके पैसे ठगे जा रहे हैं तो कभी ओटीपी-पासवर्ड पता करके खाता खाली किया जा रहा है। अब ठगों का नया नया तरीका ट्रेंड कर रहा है, जिसमें इस तरह की कॉल लोगों के पास आती है। डॉ. खन्ना साइबर अपराधों के प्रति जागरूक है। ऐसे में उनकी जागरूकता ने उनको ठगी का शिकार होने बचा दिया।
समय-समय पर अमर उजाला फाउंडेशन की ओर से पुलिस की पाठशाला आयोजित की जाती है। इसमें इस तरह के साइबर अपराधों के प्रति पुलिस के तरफ से जागरूक किया जाता है। साइबर अपराधों से बचने सबसे अच्छा तरीका जागरूकता है। ऐसे में पुलिस और बैंकिंग संस्थाएं भी लोगों से इस तरह की अपील करती हैं कि किसी को भी अपने निजी जानकारी, ओटीपी बिल्कुल ना साझा करें।
देहरादून के अफसर को आया फोन, बोला आपकी बेटी पकड़ी गई, 80 हजार भेज दो, वरना बेटी चली जाएगी जेल
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