जागेश्वर (अल्मोड़ा): उत्तराखंड में सरकार द्वारा गरीबों और वंचितों के उत्थान के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं, लेकिन धौलादेवी ब्लॉक के चमुवा खालसा गांव की 75 वर्षीय बुजुर्ग और दिव्यांग महिला गोपुली देवी इन योजनाओं का लाभ नहीं ले पा रही हैं।
गोपुली देवी बचपन से ही बहरी और गूंगी हैं। उनके माता-पिता और भाई का भी निधन हो चुका है। अब वे अकेली रह गई हैं। उनकी आर्थिक स्थिति काफी खराब है और उन्हें रहने के लिए भी एक जीर्ण-शीर्ण घर मिला हुआ है।
मुख्यमंत्री के आदेश के बाद भी नहीं बना आधार कार्ड
पिछले साल दिसंबर में गोपुली देवी की दयनीय स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को एक पत्र लिखा गया था। इस पत्र का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय ने जांच के आदेश दिए थे। इसके बाद जनवरी में विकासखंड धौलादेवी से एक टीम गोपुली देवी के घर पहुंची और आधार कार्ड बनाने की प्रक्रिया शुरू की गई थी। लेकिन 10 महीने बीत जाने के बाद भी गोपुली देवी का आधार कार्ड नहीं बन पाया है।
आधार कार्ड न होने से नहीं मिल पा रही सरकारी सुविधाएं
आधार कार्ड न होने के कारण गोपुली देवी को वृद्धावस्था पेंशन, राशन कार्ड और अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। वह बेहद गरीबी में जीवन यापन कर रही हैं और उन्हें दो वक्त की रोटी के लिए भी मोहताज होना पड़ रहा है।
प्रशासन की लापरवाही
इस मामले में प्रशासन की लापरवाही साफ तौर पर दिखाई दे रही है। मुख्यमंत्री के आदेश के बावजूद गोपुली देवी का आधार कार्ड नहीं बन पाना प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है।
क्या कहा जाता है?
गांव के लोगों का कहना है कि गोपुली देवी जैसे कई अन्य बुजुर्ग और दिव्यांग लोग भी सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं ले पा रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि प्रशासन जल्द से जल्द इस मामले में कार्रवाई करेगा और गोपुली देवी को सभी सरकारी सुविधाएं उपलब्ध कराएगा।