चमोली: हिमालय की गोद में बसे गुरुद्वारा हेमकुंड साहिब के कपाट आज 10 अक्टूबर को शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। साल भर चलने वाले यात्रा काल के बाद गुरुद्वारा साहिब में विशेष समारोह आयोजित किया गया। इस दौरान हजारों श्रद्धालुओं ने हेमकुंड साहिब में मत्था टेका और गुरु साहिब का आशीर्वाद लिया।
अंतिम अरदास के साथ हुआ समापन:
दोपहर 12:30 बजे गुरुद्वारा साहिब में साल की अंतिम अरदास की गई। इसके बाद पंच प्यारों की अगुवाई में गुरु ग्रंथ साहिब को सचखंड में विराजमान किया गया। दोपहर 1 बजे गुरुद्वारा साहिब के कपाट बंद कर दिए गए। कपाट बंद होने से पहले गुरुद्वारा साहिब में विशेष कीर्तन का आयोजन किया गया। पुणे से आए सुरिंदरपाल सिंह और उनके जत्थे ने गुरुद्वारा साहिब में वर्ष का अंतिम कीर्तन किया। इस दौरान गढ़वाल स्काउट और पंजाब के बैंड ने भी अपनी प्रस्तुति दी।
पर्यटकों की संख्या में वृद्धि:
गुरुद्वारा प्रबंधन के अनुसार, इस साल हेमकुंड साहिब में करीब 2.37 लाख श्रद्धालु पहुंचे। पिछले साल की तुलना में इस साल श्रद्धालुओं की संख्या में काफी वृद्धि हुई है।
कपाट बंद होने पर भावुक हुए श्रद्धालु:
कपाट बंद होने पर कई श्रद्धालु भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि उन्हें हेमकुंड साहिब आकर बहुत अच्छा लगा। उन्होंने गुरु साहिब का आशीर्वाद मांगा।
अगले साल मई में खुलेंगे कपाट:
हेमकुंड साहिब के कपाट अगले साल मई महीने में खोले जाएंगे।
हेमकुंड साहिब के कपाट हुए बंद, हजारों श्रद्धालुओं ने लगाए जयकारे
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