देहरादून। अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन के नाम पर साइबर ठग ने एकप्राॅपर्टी डीलर को फोन कॉल कर 8 लाख रुपये की मांग की। एक प्राॅपर्टी कारोबारी ने तो अपने कर्मचारी को बताए गए खाते में रकम जमा करने के लिए बैंक तक भेज दिया। इसी बीच अपर मुख्य सचिव को प्रकरण की जानकारी हुई। उन्होंने प्राॅपर्टी कारोबारी से संपर्क कर उसे ठगी का शिकार होने से बचाया। ठगी के प्रयास की सूचना पुलिस के आला अधिकारियों को दे दी गई है। वहीं बैंक से संपर्क कर संबंधित खाते को सीज कराने की कार्रवाई शुरू करा दी गई है।
बृहस्पतिवार दोपहर को स्टांप विभाग के एक अधिकारी के पास साइबर ठग ने फोन कर कहा कि वह अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन बोल रहे हैं। अधिकारी को फोन कर ठग ने हरिद्वार के एक प्राॅपर्टी डीलर के बारे में जानकारी ली। अधिकारी ने ठग की ओर से नंबर पूछे जाने पर प्राॅपर्टी कारोबारी का नंबर उपलब्ध करा दिया। ठग ने प्राॅपर्टी कारोबारी को फोन कर कहा कि उनके चाचा अस्पताल में भर्ती हैं। उनके इलाज के लिए 8 लाख रुपये की जरूरत है। ठग ने खाता नंबर देकर रकम जमा कराने के लिए कहा।
कारोबारी ने ठग को अपर मुख्य सचिव समझकर रकम जमा कराने के लिए अपने लेखाकार को बैंक में भेज दिया। इसी बीच किसी तरह यह जानकारी अपर मुख्य सचिव को लग गई। उन्होंने कारोबारी को रकम जमा कराने से रोका। अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने बताया कि उन्होंने घटना की जानकारी एडीजी लॉ एंड आर्डर समेत हरिद्वार व देहरादून के एसएसपी को दे दी है। प्रारंभिक जांच में खाता सिलीगुड़ी, जबकि मोबाइल नंबर पटना का निकला है। पुलिस जांच कर रही है। वहीं बैंक में सूचना देकर खाते को सीज कराया गया है। ठग ने प्रदेश में कई अफसरों को भी फोन किए। उसने नैनीताल से लेकर पौड़ी तक में अफसरों को फोन कर रुपयों की मांग की। एक बार में बात नहीं बनने पर वह लगातार अफसरों को फोन घुमाता रहा, जिन अधिकारियों को शक हुआ और जिन्होंने उससे कोई सवाल पूछा तो ठग ने फोन काट दिया। वहीं जो लोग क्रास सवाल नहीं पूछ रहे थे उन पर वह रकम देने का दबाव बनाता रहा।
साइबर ठग बोला, मैं अपर मुख्य सचिव उत्तराखंड बोल रहा हूँ, मेरे बैंक खाते में जमा करवा दो 8 लाख रुपये
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