पुलिस कार्रवाई के विरोध में कोतवाली में बवाल, दोनों पक्षों ने दी तहरीर
हल्द्वानी। छात्रसंघ चुनाव से पहले ही शहर में अराजकता होने लगी है। शुक्रवार को एमबीपीजी में दो दावेदारों के बीच की लड़ाई में कई पुराने छात्रनेता कूद गए।
निर्दलीय चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे एक छात्र की कॉलेज में पिटाई लगा दी गई। महिला पुलिसकर्मियों ने उसकी जान बचाई। कॉलेज के अंदर मामला शांत कराया गया तो कुछ पूर्व छात्रनेताओं ने निर्दलीय दावेदार को बाहर सड़क पीटना शुरू कर दिया। पुलिस को लाठियां के जरिये मामला काबू करना पड़ा। पुलिस की कार्रवाई से नाराज एबीवीपी और भाजयुमो नेताओं ने कोतवाली घेरकर धरना दे दिया। यहां एसएसआई विजय मेहता के तबादले की मांग की गई। मारपीट में दोनों पक्षों के 3 छात्रों को चोटें आईं।
कोतवाली में धरने पर बैठे अभाविप कार्यकर्ता अचानक कोतवाली के सामने मुख्य सड़क में आ गए। छात्रनेताओं की भीड़ देख सीओ भूपेन्द्र सिंह धौनी पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे। सड़क पर पुलिस के खिलाफ नारेबाजी कर रहे छात्रनेताओं को समझाकर सीओ कोतवाली ले गए।
एमबीपीजी में छात्र नेताओं के दो गुटों में मारपीट के बाद एबीवीपी कार्यकर्ता कोतवाली में धरने पर बैठ गए। ढाई घंटे तक चले हंगामे के बीच पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई। भाजयुमो प्रदेश उपाध्यक्ष नीरज बिष्ट की एसएसआई विजय मेहता से नोकझोंक हो गई। इस बीच भाजयुमो ने पुलिस पर लाठीचार्ज तो पुलिस ने उन पर उपद्रव करने का आरोप लगाया। हंगामा दोपहर डेढ़ बजे से शाम 4 बजे तक चला। सीओ भूपेंद्र सिंह धौनी व कोतवाली हरेंद्र चौधरी ने छात्र नेताओं को समझाने की कोशिश की मगर, वे दरोगा को हटाने की मांग करने लगे। भाजयुमो जिलाध्यक्ष कार्तिक हर्बोला, प्रदेश सह मीडिया प्रभारी गौरव जोशी, जिलामंत्री भाजपा प्रमोद बोरा को पुलिस अफसरों से कार्रवाई का आश्वासन मिलने के बाद धरना समाप्त हुआ।