मथुरा: इस वर्ष शारदीय नवरात्रि में तिथियों के संयोग के कारण भक्तों में कुछ संशय की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। विशेषकर अष्टमी और नवमी तिथि को लेकर भक्तों में काफी असमंजस था। इस संशय को दूर करते हुए ज्योतिषाचार्य अजय कुमार तैलंग ने बताया कि इस वर्ष महाअष्टमी 11 अक्टूबर को मनाई जाएगी।
ज्योतिषाचार्य के अनुसार, पंचांग के अनुसार आश्विन शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 10 अक्टूबर को दोपहर 12:31 से शुरू हो रही है, जो 11 अक्टूबर को दोपहर 12:06 पर समाप्त होगी। इसके बाद नवमी तिथि प्रारंभ होगी। इसलिए जो भक्त अष्टमी तिथि पर पूजन करते हैं, वे 11 अक्टूबर को अष्टमी पूजन कर सकते हैं।
उन्होंने आगे बताया कि 12 अक्टूबर को सुबह नवमी और शाम को दशहरा मनाया जाएगा। श्रवण नक्षत्र में ही भगवान श्रीराम ने रावण का वध किया था, इसलिए इसी नक्षत्र में दशहरा मनाने का विधान है। इस दिन सभी मंदिरों में अश्व पूजन और शमी पूजन किया जाएगा।
नवमी तिथि पर पूजन के शुभ मुहूर्त
* चर (सामान्य) – सुबह 06:20 से लेकर 07:47 बजे तक
* लाभ (उन्नति) – सुबह 07:47 से लेकर 09:14 बजे तक
* अमृत (सर्वोत्तम) – सुबह 09:14 से लेकर 10:41 बजे तक
ज्योतिषाचार्य ने भक्तों को सलाह दी है कि वे उपरोक्त शुभ मुहूर्त में नवमी पूजन करें।
क्यों हुई थी संशय की स्थिति?
इस वर्ष नवरात्रि में तिथियों का संयोग कुछ इस प्रकार बना है कि कुछ भक्तों को अष्टमी और नवमी तिथि को लेकर संशय हो रहा था। लेकिन ज्योतिषाचार्यों ने पंचांग के आधार पर स्पष्ट कर दिया है कि इस वर्ष महाअष्टमी 11 अक्टूबर और नवमी 12 अक्टूबर को मनाई जाएगी।
मथुरा में नवरात्रि तिथियों को लेकर संशय दूर, जानें शुभ मुहूर्त
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