राजभवन में वन्यप्राणी सप्ताह के समापन, राज्यपाल बोले- वन एवं वन्यजीवों के संरक्षण के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी
देहरादून। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने कहा कि 70 प्रतिशत से अधिक वन भूभाग वाले उत्तराखंड में वन संपदा और वन्यजीव हमारी अर्थव्यवस्था बदलने की क्षमता रखते हैं। इनके महत्व को समझने की जरूरत है। साथ ही वन एवं वन्यजीवों के संरक्षण के प्रति सभी को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। राज्यपाल ने शनिवार को राजभवन में वन्यप्राणी सप्ताह के समापन समारोह में यह बातें कहीं।
उन्होंने वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले कार्मिकों और सामुदायिक संगठनों के प्रतिनिधियों को सम्मानित किया।। राज्यपाल ने कार्बेट टाइगर रिजर्व पर बनी फिल्म का लोकार्पण भी किया। राज्यपाल ने कहा कि राज्य में मानव-वन्यजीव संघर्ष एक चुनौती के रूप में है।
इसका निदान हमें स्वयं खोजना होगा। वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि बिना जन सहयोग के वन एवं वन्यजीवों के संरक्षण के लिए चलाई जा रही योजनाएं फलीभूत नहीं हो सकतीं। कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कृषि एवं वन विभाग द्वारा आपसी सहयोग से रणनीति बनाने पर जोर दिया। इस अवसर पर राज्यपाल ने विभागीय प्रकाशनों, मानव-गुलदार संघर्ष न्यूनीकरण को लेकर केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों का हिंदी रूपांतरण, ए कंपैडियम आफ बेस्ट प्रैक्टिसेज फार सिक्योर हिमालय प्रोजेक्ट और सेब के मूल्यवर्धित उत्पाद बनाने की तकनीकी से संबंधित मार्गदर्शिका का विमोचन भी किया।
समारोह में वन विभाग के मुखिया प्रमुख मुख्य वन संरक्षक अनूप मलिक, प्रमुख वन संरक्षक वन्यजीव डा धनंजय मोहन, मुख्य वन संरक्षक निशांत वर्मा, राजाजी टाइगर रिजर्व के निदेशक डा साकेत बडोला समेत अन्य अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे। इन्हें किया गया सम्मानित राजाजी टाइगर रिजर्व के निदेशक डा साकेत बडोला, केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग के डीएफओ इंद्र सिंह नेगी, सहायक वन संरक्षक हरिद्वार रविंद्र पुंडीर, उप वन क्षेत्राधिकारी ईको टूरिज्म प्रमोद ध्यानी, प्रभारी सहायक वन संरक्षक आरती मैठाणी, वन आरक्षी आनंद सिंह रावत (जोशीमठ), ललित आर्य व राजीव पांडेय, वन दारोगा धर्मपाल सिंह नेगी (सर्पदुली), बृजेश विश्वकर्मा व वीर सिंह खरोला, उपराजिक किशोर गोस्वामी, दैनिक श्रमिक सुभाष (कालागढ़), प्रोजेक्ट एसोसिएट वन्यजीव प्रशांत कुमार, पशु चिकित्साधिकारी डॅा हिमांशु पांगती, ग्राम प्रधान डीएस मेहरा (कनालीछीना)।