मेरठ। उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने मंगलवार दोपहर मेरठ में इटली मेड 1975 कारतूसों के साथ मुजफ्फरनगर के एक युवक को गिरफ्तार किया। पूछताछ में खुलासा हुआ कि यह कारतूस दून की एक शूटिंग एकेडमी से डिलीवरी को मेरठ भेजे गए थे। कारतूसों की सप्लाई अपराधियों और शिकारियों को होनी थी। शूटिंग एकेडमी नेशनल शूटर जसपाल राणा के भाई की बताई जा रही है। जसपाल राणा के भाई ने इससे इनकार करते हुए कहा, उनकी एकेडमी का यह नाम नहीं है।
एसटीएफ एसपी ब्रिजेश सिंह ने बताया कि मंगलवार को कारतूसों की खेप लाने का इनपुट मिला था। इसके बाद पल्लवपुरम में घेराबंदी कर एक टैक्सी को पकड़ा गया। कार से 1975 कारतूस मिलने पर चालक को गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपी की पहचान राशिद अली निवासी गांव जौला, बुढ़ाना, मुजफ्फरनगर के रूप में हुई।
एसटीएफ के अनुसार, राशिद ने बताया कि वह टैक्सी चलाता है और उसे यह कारतूस दून के इंस्टीट्यूट ऑफ शूटिंग स्पोर्ट्स (आरआईएसएस) से सुभाष राणा और सक्षम मलिक ने दिए थे। उन्होंने कहा था कि कारतूस लेकर मेरठ जाना है। तुम्हें एक फोन कॉल आएगा। कॉल करने वाला ही कारतूस की डिलीवरी लेगा।
एसटीएफ एसपी ने बताया, एसटीएफ ने पल्लवपुरम थाने में राशिद अली, सुभाष राणा और सक्षम मलिक के खिलाफ आर्म्स एक्ट में केस दर्ज कराया है। मामले में उत्तराखंड पुलिस और एसटीएफ से भी संपर्क किया गया है।
इस घटना के बाद दून की शूटिंग एकेडमी पर सवाल उठ रहे हैं। हालांकि, जसपाल राणा के भाई ने एकेडमी का नाम इंस्टीट्यूट ऑफ शूटिंग स्पोर्ट्स (आरआईएसएस) होने से इनकार किया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और जल्द ही इस मामले में और खुलासे होने की उम्मीद है।
