देहरादून/गाजियाबाद: देहरादून में मोनू शर्मा के नाम से और गाजियाबाद में भीम सिंह के नाम से पहुंचे एक युवक की असली पहचान जानने के लिए दोनों राज्यों की पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। रविवार को गाजियाबाद पुलिस देहरादून पहुंची और लोहिया मोहल्ले में जाकर इस मामले से जुड़े लोगों से पूछताछ की।
देहरादून में इस मामले की जांच एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट को सौंपी गई है। जुलाई महीने में एक युवक ने पुलिस को बताया था कि उसे कुछ लोगों ने अगवा कर राजस्थान ले गए थे। पुलिस की जांच में पटेलनगर स्थित लोहियानगर से एक महिला आशा ने उसे अपना बेटा बताया था। तब से वह लोहियानगर में रह रहा था और सब्जी मंडी में काम कर रहा था।
इसी तरह, 21 नवंबर को इस युवक ने गाजियाबाद में पुलिस को बताया कि उसे देहरादून में अच्छा वेतन नहीं मिल रहा था इसलिए वह दिल्ली जा रहा है। लेकिन दिल्ली पहुंचने से पहले ही उसने गाजियाबाद में पुलिस को भी देहरादून जैसी ही कहानी सुनाई। गाजियाबाद में लीलावती देवी ने उसे अपना बेटा भीम सिंह बताया, जो कई साल पहले लापता हो गया था।
दोनों परिवारों का दावा
दोनों ही परिवारों का दावा है कि यह युवक उनका बेटा है। हालांकि, युवक की कहानी में कई विरोधाभास हैं। जिसके कारण पुलिस इस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है। पुलिस इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आखिर यह युवक कौन है और वह ऐसा क्यों कर रहा है।
क्या है पूरा मामला?
* जुलाई में एक युवक देहरादून पहुंचा और अपना नाम मोनू शर्मा बताया।
* उसने दावा किया कि उसे अगवा कर राजस्थान ले जाया गया था।
* देहरादून में एक परिवार ने उसे अपना बेटा बताया।
* नवंबर में वह गाजियाबाद गया और अपना नाम भीम सिंह बताया।
* गाजियाबाद में भी एक परिवार ने उसे अपना बेटा बताया।
* दोनों राज्यों की पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।
क्यों है यह मामला महत्वपूर्ण?
यह मामला इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह एक व्यक्ति की पहचान से जुड़ा हुआ है। साथ ही, यह मानव तस्करी और अपहरण जैसे गंभीर अपराधों की ओर भी इशारा करता है।
आगे क्या होगा?
पुलिस इस मामले की गहनता से जांच कर रही है। पुलिस डीएनए टेस्ट सहित अन्य वैज्ञानिक तरीकों का इस्तेमाल कर युवक की असली पहचान का पता लगाने की कोशिश कर रही है।