देहरादून में उत्तरी फ्रंटियर मुख्यालय में आईटीबीपी के स्थापना दिवस पर गृहमंत्री ने इसके लिए लॉजिस्टिक ड्रोन का किया शुभारम्भ
देहरादून। सीमांत इलाकों में तैनात आईटीबीपी के जवान और इन क्षेत्रों के लोगों को सड़क बंद होने पर दवाओं और जरूरी वस्तुओं का संकट नहीं झेलना पड़ेगा। शुक्रवार को देहरादून में उत्तरी फ्रंटियर मुख्यालय में आईटीबीपी के स्थापना दिवस समारोह में पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसके लिए लॉजिस्टिक ड्रोन का शुभारंभ किया।
केंद्रीय गृहमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि दुर्गम क्षेत्रों में तैनात बलों के लिए आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति खच्चरों से की जाती है, लेकिन खराब मौसम में कई बार यह सेवा भी उपलब्ध नहीं हो पाती है। इस समस्या को देखते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ड्रोन के इस्तेमाल की कल्पना की थी, इसी क्रम में शुक्रवार को पहला ड्रोन 15 किलोग्राम दवाएं और ताजा सब्जियां लेकर दुर्गम इलाके में पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि यह ड्रोन 14 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भरने में सक्षम है। साथ ही, बीस किलो सामग्री एक ही बार में 10 किमी दूरी तक ले जा सकता है। यह एक बार चार्ज होने पर चालीस मिनट तक उड़ सकता है। इसकी रफ्तार 28 से 45 किलोमीटर प्रतिघंटा के बीच है। इसका उपयोग बॉर्डर चौकियों पर जरूरी सामान की सप्लाई के लिए होगा। इसका लाभ ग्रामीणों को भी मिलेगा।
इस दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लद्दाख की जरसर में दस जवानों के लिए सेल्फ सस्टेनेबल एनर्जी बिल्डिंग का भी लोकार्पण किया। उन्होंने कहा कि उच्च हिमालयी क्षेत्र की इन पोस्ट पर सर्दियों में तापमान शून्य से 45 डिग्री तक गिर जाता है, ऐसे में यहां पेट्रोल- डीजल तक का प्रयोग नहीं हो पाता है। ऐसे में ये बिल्डिंग 18 – 19 डिग्री तापमान पर जवानों को सुरक्षित रखेंगी। उन्होंने कहा कि इस बिल्डिंग को महज दो महीने में तैयार किया गया। इस मौके पर उन्होंने उत्तराखंड के मातली समेत तीन राज्यों में दस जगह नई बैरकों आईटीबीपी की ई-स्मारिका और शहीदों की फ्लिप बुक का भी विमोचन हुआ। इस मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, राज्य कैबिनेट के कई मंत्री भी शामिल हुए।
लॉजिस्टिक ड्रोन से सीमांत इलाकों में आईटीबीपी के जवान तक पहुंचेंगी दवाएं और जरूरी सामग्री : शाह
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