देहरादून। वर्ष 2014 में बहुचर्चित प्रेमी युगल की हत्या मामले में साक्ष्य के अभाव में आरोपियों को बरी कर दिए जाने पर सामाजिक और व्यापारिक संगठनों ने दुख प्रकट किया है। लोगों का कहना है कि आरोपियों को क्षेत्र में प्रवेश पर रोक लगाई जाएगी।
अक्तूबर 2014 में चकराता घूमने आए मोमिता दास और अभिजीत पाल की हत्या कर शव नदी में फेंक दिए गए थे। मामले में राजू दास सहित गुड्डू, बबलू व कुंदन दास को नामजद किया गया था। उस समय इनकी गिरफ्तारी के बाद क्षेत्र में पंचायत कर आरोपियों की पैरवी न करने व इनको वापस क्षेत्र में न आने देने पर सहमति जताई गई थी।
सोमवार को उच्च न्यायालय ने मामले में पर्याप्त साक्ष्य न होने कारण आरोपियों को बरी कर दिया। इससे क्षेत्रवासियों में निराशा छाई हुई है। टूरिस्ट डेवलपमेंट और होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष विक्रम पंवार, पूर्व अध्यक्ष दिगंबर सिह चौहान, व्यापार मंडल अध्यक्ष चकराता केशर सिह चौहान, यंग माउंटेन क्लब चकराता के अध्यक्ष अमित जोशी, कैंट बोर्ड सदस्य अनिल चांदना, अनुपम तोमर, जयपाल सिह आदि ने कहा कि आरोपियों के बरी होने से समाज में गलत संदेश जाएगा। उन्होंने कहा कि इन लोगों के गृह क्षेत्र और अन्य जगह पंचायत आहूत कर जौनसार बावर में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया जाएगा।
प्रेमी युगल की हत्या मामले में साक्ष्य के अभाव में आरोपी कोर्ट से बरी, लेकिन संगठनों ने आरोपियों के क्षेत्र में प्रवेश पर रोक लगाई
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